पुणे। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को यहां सेना खेल संस्थान (एएसआई) में ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता भाला फेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा सहित टोक्यो खेलों में भाग लेने वाले रक्षा बलों के कर्मियों (खिलाड़ियों और कोचों) को सम्मानित किया। इस मौके पर राजनाथ ने एएसआई स्टेडियम का नाम बदलते हुए इसे नीरज चोपड़ा के नाम पर करने की घोषणा की। नीरज हाल ही में ओलंपिक एथलेटिक्स में स्वर्ण पदक जीतने वाले देश के पहले पदक विजेता बने थे। वह व्यक्तिगत स्पर्धा में निशानेबाज अभिनव बिंद्रा के बाद स्वर्ण पदक जीतने वाले भारत के सिर्फ दूसरे खिलाड़ी है। इस कार्यक्रम में नीरज भी मौजूद थे।
सेना से जुड़े ओलंपिक में भाग लेने वाले खिलाड़ियों ने इस मौके पर रक्षा मंत्री को एक शॉल भेंट की। इस शॉल पर इन सभी खिलाड़ियों के हस्ताक्षर थे। यहां सम्मानित होने वालों में नीरज के अलावा तरुणदीप राय (तीरंदाजी), प्रवीण जाधव (तीरंदाजी), अमित पंघाल (मुक्केबाजी), मनीष कौशिक (मुक्केबाजी), सतीश कुमार (मुक्केबाजी), सीए कुट्टप्पा (मुक्केबाजी कोच), छोटेलाल यादव (मुक्केबाज मैरीकोम के कोच), दीपक पूनिया (कुश्ती), अर्जुन लाल जाट और अरविंद सिंह (रोइंग), विष्णु सरवनन (सेलिंग यानी पाल नौकायन) शामिल थे। इस मौके पर नीरज को भाले की प्रतिकृति भेंट की गयी। राजनाथ ने कहा कि उनकी सरकार खेलों को बढ़ावा देने के लिए सब कुछ करेगी।
राजनाथ ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘ खेल को बढ़ावा देने के लिए जो भी जरूरी होगा हम करेंगे और हम इसके लिए प्रतिबद्ध हैं। देश का हर खिलाड़ी इसके बारे में जानता है। हमारे प्रधानमंत्री सभी खेलों और खिलाड़ियों को प्रोत्साहित कर रहे हैं।’’
रक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘ सरकार खेल के जगत के हर व्यक्ति को प्रोत्साहन देगी और राज्य सरकारें भी खिलाड़ियों की सुविधा में अच्छा योगदान दे रही हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ मैं उस लम्हें का इंतजार कर रहा हूं जब भारत को ओलंपिक खेलों की मेजबानी का मौका मिलेगा।’’ इस मौके पर सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे भी मौजूद थे।