शीर्ष वरीय एशले बार्टी ने शनिवार को यहां महिला एकल फाइनल में कैरोलिना प्लिस्कोवा को 6-3, 6-7, 6-3 से हराकर विम्बलडन टेनिस ग्रैंडस्लैम ट्रॉफी अपने नाम की। यह बार्टी का दूसरा ग्रैंडस्लैम खिताब है। बार्टी ने इससे पहले 2019 में फ्रेंच ओपन ट्राफी जीती थी। इवोने गूलागोंग के 1980 में आल इंग्लैंड क्लब में खिताब जीतने के बाद वह यहां ट्रॉफी हासिल करने वाली पहली ऑस्ट्रेलियाई महिला हैं। बार्टी ने कहा कि उन्हें गूलागोंग से काफी प्रेरणा मिली हैं। उन्होंने विम्बलडन में वैसी ही ड्रेस पहनी जैसी गूलागोंग ने 1971 में पहली बार टूर्नामेंट जीतने के दौरान पहनी थी।
25 साल की बार्टी एक दशक पहले विम्बलडन में जूनियर चैम्पियन रही थीं और फिर उन्होंने थकान की वजह से 2014 में करीब दो साल के लिये टेनिस टूर से दूर रहने का फैसला किया था। उन्होंने अपने देश में पेशेवर क्रिकेट खेलना शुरू किया और फिर आखिर में अपने खेल में वापसी करने का फैसला किया जो अच्छा ही रहा।
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वह आठवीं वरीयता प्राप्त प्लिस्कोवा के खिलाफ प्रत्येक सेट की शुरूआत में सर्वश्रेष्ठ दिख रही थीं। वहीं चेक गणराज्य की 29 वर्षीय की प्लिस्कोवा इस तरह दो बार मेजर फाइनल में पहुंची लेकिन दोनों बार ही उप विजेता रहीं। वह 2016 अमेरिकी ओपन के फाइनल में भी हार गयी थीं।
बार्टी को मुश्किल दूसरे सेट के अंत में हुई। वह 6-5 से आगे थीं और सर्विस कर रही थीं लेकिन लगातार फोरहैंड पर उनकी सर्विस टूटी और टाईब्रेकर में वह डबल फाल्ट से यह सेट गंवा बैठीं। तीसरे सेट में हालांक बार्टी ने 3-0 से बढ़त बना ली और इसी लय में आगे बढ़ती गयीं।
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2012 के बाद यह पहला विम्बलडन महिला फाइनल है जिसका नतीजा तीन सेट में निकला। साथ ही 1977 के बाद ऐसा पहली बार है जब फाइनल की दोनों प्रतिभागी आल इंग्लैंड क्लब में खिताबी भिड़ंत तक का सफर तय करने में सफल हुई हों। बार्टी और प्लिस्कोवा इससे पहले ग्रास कोर्ट मेजर में चौथे दौर से आगे नहीं पहुंच सकी थीं।