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टोक्यो ओलंपिक में तीरंदाजों को दोहराना होगा विश्व कप का प्रदर्शन

टोक्यो ओलंपिक में भी भारत के चार तीरंदाज अपनी चुनौती पेश करेंगे जिनमें पेरिस में विश्व कप में तीन स्वर्ण पदक जीतने वाली दीपिका कुमारी भी शामिल हैं जो अभी तक इन खेलों में अच्छा प्रदर्शन करने में नाकाम रही है। 

Reported by: Bhasha
Published on: July 05, 2021 11:36 IST
Archers will repeat World Cup performance in Tokyo Olympics- India TV Hindi
Image Source : GETTY IMAGES Archers will repeat World Cup performance in Tokyo Olympics

नई दिल्ली। तीरंदाजी को ओलंपिक खेलों में वापसी के लिये 52 साल का इंतजार करना पड़ा था। भारत भी पिछले 33 वर्षों से इस खेल में अपनी किस्मत आजमा रहा है लेकिन विश्व कप में चमक बिखेरने वाले उसके कई धनुर्धर खेलों के महासमर में कभी अपेक्षाओं पर खरे नहीं उतरे। टोक्यो ओलंपिक में भी भारत के चार तीरंदाज अपनी चुनौती पेश करेंगे जिनमें पेरिस में विश्व कप में तीन स्वर्ण पदक जीतने वाली दीपिका कुमारी भी शामिल हैं जो अभी तक इन खेलों में अच्छा प्रदर्शन करने में नाकाम रही है। भारत के कुल 21 तीरंदाजों (13 पुरुष, आठ महिला) ने 1988 से 2016 तक ओलंपिक खेलों में भाग लिया है। 

तीरंदाजी को भारत ही नहीं विश्व के सबसे पुराने खेलों में से एक माना जाता है। ओलंपिक में भी 1900 में इस खेल को शामिल कर दिया था। इसके बाद 1904, 1908 और 1920 में भी तीरंदाजी ओलंपिक खेलों का हिस्सा रही लेकिन इसके बाद इसे खेलों से हटा दिया गया। म्युनिख ओलंपिक 1972 में 52 वर्षों बाद तीरंदाजी की एकल स्पर्धाओं के जरिये ओलंपिक में वापसी हुई।

बाद में इसमें युगल और टीम स्पर्धाएं भी जोड़ी गयी। भारत ने पहली बार 1988 में सियोल ओलंपिक खेलों में तीरंदाजी में हिस्सा लिया और उसके बाद सिडनी ओलंपिक (2000) को छोड़कर प्रत्येक खेलों में भारतीय तीरंदाजों ने अपना प्रतिनिधित्व पेश किया। लिम्बा राम, संजीव सिंह और श्याम लाल ओलंपिक खेलों में भाग लेने वाले पहले भारतीय तीरंदाजों में शामिल थे। लिम्बा राम ने बार्सिलोना ओलंपिक 1992 और अटलांटा ओलंपिक 1996 में भी भाग लिया था। बार्सिलोना में वह केवल एक अंक से कांस्य पदक से चूक गये थे।

एथेन्स ओलंपिक 2004 में पहली बार तीन भारतीय महिला तीरंदाजों डोला बनर्जी, रीना कुमारी और सुमंगला शर्मा ने हिस्सा लिया था। मंगल सिंह चंपिया बीजिंग ओलंपिक 2008 में पुरुष एकल के फाइनल्स के दूसरे दौर तक पहुंचे थे। रियो ओलंपिक 2016 में अतनु दास ने पुरुष एकल के फाइनल में जगह बनायी थी। महिला एकल में दीपिका कुमारी और लेशराम बोम्बायला देवी नौवें स्थान पर रही थी। तोक्यो ओलंपिक में दीपिका भारत का प्रतिनिधित्व करने वाली एकमात्र महिला तीरंदाज होंगी। यह उनका तीसरा ओलंपिक होगा। 

पिछले दो ओलंपिक खेलों की तरह वह शानदार लय के साथ तोक्यो पहुंचेगी। दीपिका ने हाल में विश्व कप के तीसरे चरण में व्यक्तिगत रिकर्व, युगल और टीम स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीते थे। दीपिका के अलावा भारत के तीन पुरुष रिकर्व तीरंदाज तरुणदीप राय, अतनु दास और प्रवीण जाधव भी अपनी चुनौती पेश करेंगे। ओलंपिक तीरंदाजी में अब तक दक्षिण कोरिया का दबदबा रहा है और फिर से वह इस खेल में शीर्ष पर रहने की कोशिश करेगा। दक्षिण कोरिया ने अब ओलंपिक तीरंदाजी में 23 स्वर्ण पदक सहित कुल 39 पदक जीते हैं।

उसके बाद अमेरिका (14 स्वर्ण) और बेल्जियम (11 स्वर्ण) का नंबर आता है। बेल्जियम ने अपने सभी पदक 1900 से 1920 के बीच जीते थे। 

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