नई दिल्ली। शीर्ष भारतीय मुक्केबाज विकास कृष्ण ने पटियाला में राष्ट्रीय शिविर में ट्रेनिंग करने के बजाय अमेरिका में अपने पेशेवर करियर को आगे बढ़ाने का फैसला किया है क्योंकि उनका मानना है कि अगले साल तोक्यो ओलंपिक में पोडियम स्थान हासिल करने के लिये पारंपरिक अभ्यास काफी नहीं है। विकास इस समय एक अन्य मुक्केबाज और करीबी दोस्त नीरज गोयत के साथ बेंगलुरू के इंस्पायर इंस्टीट्यूट ऑफ स्पोर्ट्स (आईआईएस) में ट्रेनिंग कर रहे हैं क्योंकि उन्हें कोविड-19 पृथकवास दिशानिर्देशों के कथित उल्लघंन के कारण एनआईएस पटियाल को छोड़ने को कह दिया गया।
बाद में इसे अनजाने में किया गया उल्लघंन माना गया। भारतीय खेल प्राधिकरण (साइ) ने उन्हें जांच के बाद लौटने की अनुमति देने का फैसला किया, लेकिन उनकी वापस जाने की कोई योजना नहीं है। विकास आईआईएस में अमेरिकी कोच रोनल्ड सिम्स के मार्गदर्शन में ट्रेनिंग कर रहे हैं।
उन्होंने फोन पर पीटीआई से कहा, ‘‘मैं यहां (बेंगलुरू) में ट्रेनिंग जारी रखूंगा। मैं लय में आ गया हूं और फिर से पटियाला जाकर इसमें विघ्न डालने की मेरी कोई इच्छा नहीं है। मुझे इसका कोई मतलब नहीं दिखता।’’
पटियाला में हुए विवाद के बारे में पूछने पर विकास ने कहा,‘‘मैंने कभी भी किसी को नुकसान नहीं पहुंचाया। मैंने गलती की लेकिन मेरी इच्छा केवल अपने देश के लिये अच्छा करने की ही थी। मैंने किसी के लिये कोई समस्या खड़ी नहीं की। मुझे बस इतना ही कहना है।’’
उनकी योजना अमेरिका जाकर हॉल ऑफ फेम बॉब अरूम के ‘टॉप रैंक प्रोमोशंस’ के साथ अनुबंध जारी रखने की है। यह वेल्टरवेट (69 किग्रा) मुक्केबाज प्रो सर्किट में 70 किग्रा वर्ग में खेलेगा।
उन्होंने कहा,‘‘जैसे ही मेरी फ्लाइट बुक हो जायेगी, मैं अमेरिका चला जाऊंगा। मैं टॉप रैंक प्रोमोशंस के साथ संपर्क में हूं। उन्होंने मेरे लिये फ्लाइट का इंतजाम करने को कहा है और मैं उम्मीद करता हूं कि ओलंपिक से पहले मैं तीन-चार बाउट में हिस्सा ले पाऊंगा।’’
विकास ने कहा,‘‘इससे मेरी ओलंपिक में पदक जीतने की उम्मीद को मदद मिलेगी क्योंकि यह प्रो सर्किट है जहां मैंने बहुत अच्छा सबक सीखा कि भाग्य में भरोसा मत करो। यह सब योग्यता पर निर्भर है, भाग्य जैसी कोई चीज नहीं होती।’’