चेन्नई। अनुभवी टेबल टेनिस खिलाड़ी एंथोनी अमलराज के लिये लॉकडाउन के समय में शारीरिक फिटनेस चिंता का विषय नहीं है लेकिन प्रतिस्पर्धाओं का नहीं होना उनके लिये मानसिक रूप से मुश्किल साबित हो रहा है जिसके लिये वह मनोचिकित्सक की मदद ले रहे हैं। देश के चौथे नंबर के खिलाड़ी ने 2011 में भी इसी मनोचिकित्सक से मदद ली थी जब वह जीत के करीब पहुंचकर मैच गंवा देते थे।
टूर्नामेंट नहीं होना खिलाड़ियों के लिये हताशापूर्ण हो सकता है और ऐसा नहीं हो इसलिये वह शहर के मनोचिकित्सक (हिप्नोथेरेपिस्ट) टीके वादीवेल पिल्लई की मदद ले रहे हैं।
अमलराज ने पीटीआई से कहा, ‘‘शारीरिक रूप से फिट रहना अहम है। लेकिन मानसिक रूप से फिट रहना और सकारात्मक बने रहना इससे भी ज्यादा अहम है क्योंकि टूर्नामेंट नहीं होने से खिलाड़ी हताश हो सकते हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं सकारात्मक बने रहने की जरूरत से वाकिफ हूं और वादीवेल पिल्लई से मदद ले रहा हूं जो वीडियो कॉल के जरिये क्लास लेते हैं। इससे काफी मदद मिली।’’
अमलराज 100वीं रैंकिंग पर काबिज हैं और अचंत शरत कमल (31वें), जी साथियान (32) और हरमीत देसाई (72) के पीछे हैं। चौंतीस साल के खिलाड़ी ने कहा, ‘‘इस कोविड-19 महामारी के कारण इस समय नहीं खेलना काफी मुश्किल है जिससे पूरी दुनिया ही थम गयी है। यह महत्वपूर्ण है कि हम घर में रहें और इस बीमारी के खिलाफ लड़ाई में मदद करें। मैं टेबल पर नहीं खेल रहा हूं लेकिन मैं मानसिक रूप से अभ्यास कर रहा हूं।’’