नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश के लिए कई खिताब जीत चुके निशेबाज जीतू राय ने कहा कि वह भारतीय सेना के सूबेदार मेजर के तौर पर देश सेवा के लिए हमेशा तैयार रहते है। राय इन दिनों पूर्वोत्तर भारत के संवेदनशील क्षेत्रों में से एक मणिपुर में अपनी सेवाएं दे रहे है।
33 साल के इस निशानेबाज ने यहां पहुंचने से पहले इस क्षेत्र की पूरी जानकरी ले ली थी। राय को अपनी रेजिमेंट 11 गोरखा राइफल्स से इस क्षेत्र में जुड़े हुए एक महीना हो गया। यह क्षेत्र उग्रवाद प्रभावित रह चुका है।
राय ने पीटीआई से कहा, ‘‘आपने इसे पढ़ा होगा (पूर्वोत्तर में उग्रवाद), मैंने इसके बारे में पढ़ा है और मुझे पता है कि हमें हर समय पहरा देना होगा। मुझे इस पर बहुत गर्व है। मैं अपनी नौकरी से प्यार कर रहा हूं, कितने लोगों को ऐसे अवसर मिलते हैं।’’ ‘फौजी’ के तौर पर राय भारत-चीन सीमा पर हो रही गतिविधियों पर भी नजर रखे हैं। उन्होंने बिना किसी हिचकिचाहट के कहा कि अगर आदेश मिला तो वह वहां जाने के लिए तैयार रहेंगे।
खेल रत्न पुरस्कार से 2016 में सम्मानित होने वाले इस निशानेबाज ने कहा, ‘‘सूबेदार मेजर यही कम करते हैं। वे उन टीमों का नेतृत्व करते हैं जहां वे महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। मैं भारतीय सेना और अपने देश की सेवा करने के लिए हमेशा तैयार रहता हूं।’’ डर के बारे में पूछे जाने पर इस साल पद्मश्री से सम्मानित हुए राय ने कहा, ‘‘ उन्हें कोई डर नहीं।’’ उनकी पत्नी और एक 14 महीने का बेटा इंदौर में है। मणिपुर में तैनात होने से पहले राय इंदौर में ही थे। उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे उनकी बहुत याद आती है, लेकिन मैं जो कर रहा हूं इसे मैंने खुद चुना है। मैं लगातार उनसे बात करता हूं और जब मुझे छुट्टी लेने की अनुमति होगी तो मैं उनसे जाकर मिलूंगा।’’
विश्व चैम्पियनशिन, एशियाई और राष्ट्रमंडल खेलों अलावा कई खिताब जीतने वाले इस ओलंपियन ने कहा कि वह अपने नये काम में ढल गये है। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे यह बहुत पसंद है। मैं पहले भी पूर्वोत्तर का दौरा कर चुका हूं इसलिए मैं यहां ठीक हूं।’’ नये काम के जुनून के कारण अब निशानेबाजी उनके लिए दूसरी प्रथमिकता बन गयी है। उन्होंने कहा, ‘‘ इस समय मेरे लिए सेना पहली प्राथमिकता है और निशानेबाजी दूसरी है। मैं हालांकि अपना अभ्यास जारी रखता हूं और जहां भी जाता हूं पिस्तौल ले जाता हूं।’’
कई विश्व कप में स्वर्ण पदक जीतने वाले इस निशानेबाज ने हाल के दिनों के खराब प्रदर्शन पर पूछे जाने पर कहा, ‘‘मैंने इतना भी बुरी नहीं किया है और मैं अभी भी एयर पिस्टल की राष्ट्रीय रैंकिंग में हूं। मैं अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रहा हूं और मुझे भरोसा है कि मैं फिर से अच्छा कर पाऊंगा।’’ रियो ओलंपिक के फाइनल में पहुंचने वाले राय ने कहा, ‘‘मैं राष्ट्रीय टीम में वापसी के लिए कड़ी मेहनत करूंगा और ओलंपिक का भी लक्ष्य रखूंगा।’’ नेपाल में जन्मे राय भारत से बस गए और 2006 में सेना में भर्ती हुए।