गुवाहाटी। पीवी सिंधू और साइना नेहवाल एक बार फिर अपना पहला आल इंग्लैंड खिताब जीतने के लिए चुनौती पेश करेंगे लेकिन महान बैडमिंटन खिलाड़ी डेनमार्क के मोर्टन फ्रास्ट अगले महीने होने वाले इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में जापान की अकाने यामागुची पर दांव लगाना चाहते हैं। साइना और सिंधू अगले महीने जब आल इंग्लैंड के लिए कोर्ट पर उतरेंगी तो भारत को इनसे 18 साल के सूखे को खत्म करने की उम्मीद होगी।
फ्रास्ट का मानना है कि कोई भी स्पष्ट रूप से प्रबल दावेदार नहीं है लेकिन वह टूर्नामेंट जीतने के लिए जापान की इस युवा खिलाड़ी का समर्थन करते हैं। भारत के पिछले आल इंग्लैंड चैंपियन मौजूदा मुख्य राष्ट्रीय कोच पुलेला गोपीचंद थे जिन्होंने 2011 में यह खिताब जीता था। इससे पहले 1980 में महान खिलाड़ी प्रकाश पादुकोण यह खिताब जीतने वाले पहले भारतीय बने थे।
फ्रास्ट ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘महिला एकल में भविष्यवाणी करना संभव नहीं है, कुछ भी हो सकता है। पूरी ईमानदारी के साथ आपको स्वीकार करना होगा कि ताइ जू यिंग जरूरत के समय उम्मीदों के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर पाई। मैं उसके खेल का प्रशंसक हूं- जब वह इतना खूबसूरत खेल दिखाती है तो आपकी आंखों में आंसू आ जाते हैं। लेकिन उसने कोई बड़ा खिताब नहीं जीता है।’’ आल इंग्लैंड में आठ बार फाइनल में पहुंचकर चार खिताब जीतने वाले फ्रास्ट ने बताया कि आखिर वह क्यों चीनी ताइपे की ताइ जू को दावेदार नहीं मानते और यामागुची पर दांव लगाने को तैयार हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘आपके पास यामागुची जैसी खिलाड़ी है-वह अपने दिन किसी भी खिलाड़ी को हरा सकती है। अगर आप आल इंग्लैंड को देखो तो वहां के हालात काफी धीमे हैं, आपको काफी कड़ी मेहनत करनी होती है। यह निश्चित तौर पर यामागुची जैसी खिलाड़ी की शैली के पक्ष में है।’’ पुरुष एकल के संदर्भ में फ्रास्ट ने केंतो मोमोता और चेन लोंग को अंतिम चार में जगह बनाने का दावेदार बताया।
डेनमार्क के 60 साल के फ्रास्ट ने कहा, ‘‘कुछ खिलाड़ी अन्य की तुलना में प्रबल दावेदार होते हैं। केंतो मोमोता उनमें से एक है, वह लगातार अच्छा खेल रहा है, अगर वह सेमीफाइनल में नहुीं पहुंचेगा तो मुझे हैरानी होगी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि चेन लोंग सेमीफाइनल में जगह बनाएगा। विक्टर एक्सेलसेन अपने खेल में सुधार कर पाएगा या नहीं, इस पर सवालिया निशान है। फिलहाल वह इतना अच्छा नहीं खेल रहा। शी युकी के खेल में उतार चढ़ाव है।’’
फ्रास्ट का मानना है कि भारत को साइना नेहवाल, पीवी सिंधू, पारूपल्ली कश्यप और किदांबी श्रीकांत जैसे खिलाड़ी तैयार करने पर गर्व होना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘भारत ने पुरुष एकल में बड़ी उपलब्धि कश्यप के जरिये हासिल की। वह पहला खिलाड़ी था जिसने अपनी क्षमताओं पर ध्यान दिया। महिला एकल में साइना सामने आई और अच्छी आदर्श बनी और इसका पिछले 10 साल में जो हुआ उस पर प्रभाव रहा।’’
वर्ष 2017 में चार खिताब के साथ श्रीकांत भारतीय पुरुष एकल में चमकदार चेहरा बनकर उभरे। फ्रास्ट ने साथ ही कहा कि समीर वर्मा भी अच्छा कर रहे हैं।
प्रकाश पादुकोण बैडमिंटन अकादमी और ओलंपिक गोल्ड क्वेस्ट के साथ 90 दिनों के कोचिंग कार्यक्रम के तहत फ्रास्ट प्रतिभा खोज के इरादे से यहां सीनियर राष्टूीय चैंपियनशिप में आए हैं और उन्होंने भविष्य की खिलाड़ी के रूप में असम की अश्मिता चालिहा को चुना।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं यह जरूर कहना चाहूंगा कि मैं अश्मिता से काफी प्रभावित हूं। मुझे लगता है कि उसमें इतनी प्रतिभा है कि आप उसे अंतरराष्ट्रीय बैडमिंटन खेलने के लिए तैयार कर सकते हैं। मैं बड़े टूर्नामेंटों की बात नहीं कर रहा। अनुभव हासिल करने के लिए छोटे स्तर के अंतरराष्टूीय टूर्नामेंट। इससे उसे अनुभव हासिल करने और प्रगति करने में मदद मिलेगी।’’ उन्नीस साल की अश्मिता को सीनियर राष्टूीय चैंपियनशिप में सिंधू को कड़ी चुनौती देने के बावजूद सेमीफाइनल में 10-21, 20-22 से हार का सामना करना पड़ा था।