Friday, November 22, 2024
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नेशनल्स के दौरान जूनियर खिलाड़ियों का आयु सत्यापन परीक्षण करायेगा एआईटीए

इस परीक्षण का खर्चा राष्ट्रीय चैम्पियनशिप में प्रवेश करने वाले खिलाड़ी उठायेंगे जबकि जूनियर डेविस कप और फेड कप टीमों की जांच का खर्चा एआईटीए उठायेगा। अगर कोई खिलाड़ी पहले परीक्षण में सही पाया जाता है तो उसका दोबारा परीक्षण नहीं किया जायेगा। 

Edited by: Bhasha
Published on: July 16, 2020 14:51 IST
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Image Source : GETTY IMAGES Tennis 

भारतीय टेनिस में उम्र संबंधित धोखाधड़ी के संकट से निपटने के लिये राष्ट्रीय महासंघ एआईटीए ने राष्ट्रीय चैम्पियनशिप में भाग लेने वाले सभी जूनियर खिलाड़ियों का उम्र सत्यापन परीक्षण कराने का फैसला किया जबकि महेश भूपति का कहना है कि यह कदम 50 साल पहले उठा लेना चाहिए था। जूनियर डेविस और फेड कप में देश का प्रतिनिधित्व करने वाले खिलाड़ियों को भी इसी परीक्षण से गुजरना होगा। 

अखिल भारतीय टेनिस संघ (एआईटीए) ने कहा कि सीएलटीए (चंडीगढ़ लॉन टेनिस संघ) परिसर के अंदर कथित छेड़छाड़ के बाद पांच जूनियर खिलाड़ियों के खिलाफ उम्र संबंधित धोखाधड़ी के आरोप ने उन्हें इस परीक्षण को फिर से लागू करने का मौका प्रदान किया। एआईटीए के महासचिव हिरण्मय चटर्जी ने पीटीआई से कहा, ‘‘अब से राष्ट्रीय चैम्पियनशिप में सभी खिलाड़ियों का आयु वर्ग टूर्नामेंट (अंडर 12, अंडर 14 और अंडर 16) के मुख्य ड्रा में उम्र सत्यापन परीक्षण (टीडब्ल्यू3) कराया जायेगा। साथ ही देश का प्रतिनिधित्व करने वाले जूनियर खिलाड़ियों को भी इस परीक्षण से गुजरना होगा। ’’ 

उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा नहीं है कि हम यह पहली बार कर रहे हैं। पहले भी खिलाड़ियों को इस मेडिकल परीक्षण को कराने के लिये कहा जाता था लेकिन किसी तरह यह बंद हो गया। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘अब सीएलटीए मुद्दे को मीडिया में काफी दिखाया गया और सीनियर खिलाड़ियों ने चिंता व्यक्त की, एआईटीए अधिकारियों ने इस पर चर्चा की और महसूस किया कि यह कदम जरूरी है। ’’ 

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इस परीक्षण का खर्चा राष्ट्रीय चैम्पियनशिप में प्रवेश करने वाले खिलाड़ी उठायेंगे जबकि जूनियर डेविस कप और फेड कप टीमों की जांच का खर्चा एआईटीए उठायेगा। अगर कोई खिलाड़ी पहले परीक्षण में सही पाया जाता है तो उसका दोबारा परीक्षण नहीं किया जायेगा। ऐसे भी सुझाव थे कि उम्र सत्यापन परीक्षण तभी अनिवार्य कर देना चाहिए जब एक खिलाड़ी एआईटीए से पंजीकरण कराता है तो चटर्जी ने कहा यह जरूरी नहीं था। 

उन्होंने कहा, ‘‘कुछ दिशानिर्देश हैं। जब एक बच्चे का उसके जन्म के एक साल के अंदर पंजीकरण हो जाता है तो वो दस्तावेज एआईटीए के साथ पंजीकरण के लिये वैध है। लेकिन अगर प्रमाण पत्र एक साल बाद दिया जाता है और खिलाड़ी हमारे पास आता है तो हम उससे उम्र सत्यापन परीक्षण कराने को कहते हैं। ’’ 

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भारत के पहले ग्रैंडस्लैम चैम्पियन भूपति ने कहा कि इस प्रणाली को दशकों पहले शुरू कर देना चाहिए था। उन्होंने पीटीआई से कहा, ‘‘यह बुनियादी जरूरत है इसलिये मैं किसी की प्रशंसा नहीं करूंगा और यह नहीं कहूंगा कि अच्छा किया। यह 50 साल के बाद आया है, काफी देर से। ’’ 

उन्होंने कहा, ‘‘काफी सारे बच्चों को कई वर्षों से इससे निपटना पड़ा। उम्मीद करता हूं कि यह सिर्फ घोषणा मात्र नहीं हो और वे इसे अनुशासित प्रक्रिया बनाये ताकि सुनिश्चित हो कि बच्चे और उनके माता पिता धोखाधड़ी करने के लिये जवाबदेह हों। ’’ 

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