नई दिल्ली| भारत की दिग्गज महिला बैडमिंटन खिलाड़ी पी.वी. सिंधु ने पिछले साल बासेल में विश्व चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीत इतिहास रचा था। सिंधु ने कहा है कि रियो ओलम्पिक में रजत पदक जीतने के बाद वह नहीं चाहती थीं कि लोग उन्हें 'सिल्वर सिंधु' कहें। विश्व चैम्पियनशिप में सिंधु ने इससे पहले दो रजत और दो कांस्य पदक जीते थे। उन्होंने पिछले साल जापान की नोजोमी ओकुहारा को हरा विश्व चैम्पियनशिप का खिताब जीता था। रियो ओलम्पिक-2016 में सिंधु को रजत पदक मिला था।
सिंधु ने भारत की महिला क्रिकेटर स्मृति मंधाना और जेम्मिहा रोड्रिगेज के साथ डबल ट्रबल में कहा, "रियो ओलम्पिक के बाद मुझे छह-सात रजत पदक मिले थे। लोगों ने यह कहना शुरू कर दिया था कि तुम्हें फाइनल फोबिया है। हाल ही में विश्व चैम्पियनशिप में में एक बार फिर फाइनल में थी और सोच रही थी कि मुझे यह मैच जीतना ही होगा।"
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उन्होंने कहा, "इसलिए मैं 100 फीसदी देना चाहती थी। मैं नहीं चाहती थी कि लोग मुझे 'सिल्वर सिंधु' कहने लगें। एस समय यह मेरे दिमाग में था। फाइनल में मैंने अपने आप से कहा कि नहीं मुझे यह जीतना ही होगा। मुझे अपना 100 प्रतिशत देना होगा।"