स्कीइंग में भारत को पहला अंतरराष्ट्रीय पदक दिलाने वाली आंचल ठाकुर को जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बधाई दी तो उनके पिता का सीना फख्र से और चौड़ा हो गया क्योंकि बीस बरस पहले कभी उन्होंने मोदी को पैराग्लाइडिंग के गुर सिखाये थे। आंचल ने तुर्की में अल्पाइन एडेर 3200 कप में कांस्य पदक जीतकर भारत को उस खेल में पहला अंतरराष्ट्रीय पदक दिलाया जिसकी चर्चा कम ही होती है। उन्हें बधाई देने वालों में पहला नाम प्रधानमंत्री मोदी का था।
मोदी ने पिछले साल के आखिर में हिमाचल प्रदेश में एक रैली में कहा था कि कैसे उन्हें दो दशक पहले सोलांग में पैराग्लाइडिंग का मौका मिला था और ‘‘किसी ठाकुर’’ ने उन्हें इसके गुर सिखाये थे। दरअसल आंचल के पिता और भारतीय शीतकालीन खेल महासंघ के सचिव रोशन लाल ठाकुर ही वह व्यक्ति हैं जिनका जिक्र प्रधानमंत्री ने किया था। ठाकुर ने कहा, ‘‘मैं बता नहीं सकता कि कितना गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं। पता नहीं मोदीजी जानते भी हैं या नहीं कि आंचल उसी ठाकुर की लड़की है जिसने कभी उन्हें पैराग्लाइडिंग सिखाई थी।’’
उन्होंने बताया कि 1997 में हिमाचल प्रदेश के प्रभारी के तौर पर मोदी मनाली आये थे और सोलांग में उनके मार्गदर्शन में उनके हिमालयन इंस्टीट्यूट आफ एडवेंचर स्पोट्स में पैराग्लाइडिंग की थी। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे अभी भी याद है जब वह 1997 में भाजपा के हिमाचल प्रदेश प्रभारी के तौर पर सोलांग आये थे। उनका जीवट देखकर मैं दंग रह गया था क्योंकि बारिश के कारण मौसम ठीक नहीं था लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और पैराग्लाइडिंग की।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इसके बाद मोदीजी सोलांग आते रहे और अपने संगी साथियों को भी पैराग्लाइडिंग के लिये लेकर आये।’’
आखिरी बार 2012 में उनकी मोदी से फोन पर बात हुई थी जब वह गुजरात के मुख्यमंत्री थे और उन्होंने ठाकुर को सापूतारा में साहसिक खेल संस्थान की स्थापना में मदद के लिये बुलाया था। ठाकुर ने शीतकालीन खेलों की दशा सुधारने के लिये मोदी से मिलने की इच्छा जताते हुए कहा, ‘‘अब मैं जरूर चाहूंगा कि उनसे जल्दी मुलाकात का मौका मिले ताकि भारत में इन खेलों के विकास के बारे में उनसे अनुरोध किया जा सके।’’