दिल्ली। सुमित नागल ने रोजर फेडरर से एक सेट छीनकर भारतीय टेनिस को यादगार पल जरूर दिया लेकिन पूरे साल प्रशासन और खिलाड़ियों के मतभेदों के चलते कोर्ट के भीतर का प्रदर्शन हाशिये पर ही रहा। नागल के लिये यह सपने सरीखा था जब दुनिया के महानतम खिलाड़ियों में शुमार फेडरर से अमेरिकी ओपन के पहले दौर में उन्होंने एक सेट जीता। वह हालांकि यह मुकाबला जीत नहीं सके।
हरियाणा के इस 22 वर्षीय खिलाड़ी ने वह कर दिखाया जो भारतीय टेनिस में सिर्फ अमृतराज, कृष्णन, लिएंडर, भूपति और सानिया जैसे खिलाड़ी ही कर सके थे। नागल ने इस साल ब्यूनस आयर्स में खिताब जीता और एक टूर्नामेंट में उपविजेता रहे । चैलेंजर सर्किट में वह छह टूर्नामेंटों के सेमीफाइनल तक पहुंचे।
साल की शुरूआत में उनकी रैंकिंग 340 थी जो आखिर में 130 हो गई। भारतीय टेनिस में कोर्ट के बाहर का ड्रामा बदस्तूर जारी रहा। पाकिस्तान के खिलाफ डेविस कप मुकाबले को लेकर यह चरम पर पहुंच गया। महेश भूपति की अगुवाई में शीर्ष खिलाड़ियों ने सुरक्षा कारणों से पाकिस्तान में खेलने से इनकार कर दिया था। प्रशासकों ने भी इस पर सहमति जताई नतीजतन आईटीएफ ने उनकी मांग मानते हुए डेविस कप मुकाबला कजाखस्तान में कराने का ऐलान किया।
आईटीएफ के भारत का अनुरोध मानने के तुरंत बाद भारतीय टेनिस संघ ने भूपति को कप्तानी से हटा दिया। इसके साथ ही पाकिस्तान जाने से इनकार करने वाले सभी खिलाड़ियों को हटा दिया गया। लिएंडर पेस ने पाकिस्तान के खिलाफ डेविस कप खेला और रिकार्ड 44वीं युगल जीत दर्ज की। वह दो दशक में पहली बार रैंकिंग में शीर्ष 100 से बाहर रहे।
एकल में प्रजनेश गुणेश्वरन शीर्ष 100 में शामिल हुए । युगल में रोहन बोपन्ना, दिविज शरण और जीवन नेदुंचेझियान भारत के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी रहे। महिला वर्ग में सानिया मिर्जा ने 2020 में प्रतिस्पर्धी टेनिस में वापसी का ऐलान किया है।