विजेंद्र सिंह ने साल 2008 में भारतीय मुक्केबाजी के इतिहास में अपना नाम सुनहरे अक्षरों से लिखा था। उन्होंने खेलों के इस महाकुंभ के 2008 संस्करण में ब्रॉन्ज मेडल जीत कर भारत का नाम विश्व पटल पर ऊंचा किया था। उन्होंने ओलंपिक के अलावा 2009 वर्ल्ड चैंपियनशिप और 2010 कॉमनवेल्थ गेम्स में भी ब्रॉन्ज मेडल जीता था। इसके अलावा 2006 और 2014 कॉमनवेल्थ गेम्स में भी वह भारत के लिए सिल्वर मेडल जीत चुके हैं। उन्होंने 2015 में पेशेवर मुक्केबाजी की तरफ कदम रखा था। उन्हें 2006 में भारत सरकार की ओर से खेल का सर्वोच्च सम्मान अर्जुन अवॉर्ड मिला था। इसके अलावा वह पद्म श्री से भी सम्मानित किए जा चुके हैं।