Highlights
- राजस्थान रॉयल्स के क्रिकेट निदेशक कुमार संगकारा ने बताया कि क्या हुआ था
- लखनऊ सुपर जायंट्स के खिलाफ मैच में रवि अश्विन हो गए थे रिटायर आउट
- आईपीएल इतिहास में रिटायर आउट होकर रिकार्ड बुक में दर्ज हो गए अश्विन
आईपीएल के 15 साल के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि कोई खिलाड़ी रिटायर आउट हुआ हो। रविवार को आईपीएल से उस वक्त एक नया अध्याय जुड़ गया, जब लखनऊ सुपर जायंट्स और राजस्थान रॉयल्स के बीच मैच चल रहा था। मैच के दौरान ही अचानक से राजस्थान रॉयल्स के बल्लेबाज रविचंद्रन अश्विन बिना आउट हुए मैदान से बाहर जाने लगे। ये देखकर सभी के सभी भौचक्के रहे गए कि ये हुआ क्या है। कुछ ही देर में पता चला कि अश्विन रिटायर आउट हुए हैं। उसके बाद क्रीज पर रियान पराग आए और आगे की बल्लेबाजी की। हालांकि तब तक ये पता नहीं चल पा रहा था कि रिटायर आउट होने का ये फैसला अश्विन का है, कप्तान संजू सैमसन का है या फिर किसी और का। अब आआर के क्रिकेट निदेशक कुमार संगकारा ने इस पूरी कहानी को खुद ही बताया है और साफ कर दिया है कि मामला आखिर हे क्या।
राजस्थान रॉयल्स के क्रिकेट निदेशक कुमार संगकारा का मानना है कि रविचंद्रन अश्विन ने लखनऊ सुपर जायंट्स के खिलाफ सही समय पर रिटायर आउट’ होकर मैच स्थिति को अच्छी तरह से संभाला, लेकिन उन्होंने स्वीकार किया कि रियान पराग को रासी वान डर डुसेन से पहले नहीं भेजना गलती थी। संगकारा ने मैच के बाद कहा कि ऐसा करने के लिए यह सही समय था। अश्विन ने स्वयं यह फैसला किया है। हमने इससे पहले इस पर चर्चा की थी कि क्या करना है। सीजन में अपना पहला मैच खेल रहे दक्षिण अफ्रीका के वान डर डुसेन को शिमरोन हेटमायर, अश्विन और पराग से पहले नंबर चार पर भेजा गया, लेकिन वह केवल चार रन बना पाए, जबकि रियान पराग ने आखिरी ओवर में छक्का जड़कर टीम को 165 रन तक पहुंचाया था। रॉयल्स ने यह मैच तीन रन से जीता था। संगकारा ने कहा कि कोच के रूप में मैंने एक गलती की जो मैंने रियान पराग को रासी वान डर डुसेन से पहले नहीं भेजा। इससे हम रियान का पूरा फायदा नहीं उठा पाए, लेकिन अश्विन ने स्थिति को अच्छी तरह से संभाला। उन्होंने टीम हित में अपने विकेट का बलिदान दिया और बाद में शानदार गेंदबाजी भी की। आईपीएल के इतिहास में राजस्थान पहली टीम बन गई है, जिसने ‘रिटायर आउट’ होने की रणनीति अपनाई। लखनऊ के खिलाफ रविवार को मैच में अश्विन जब 28 रन बनाकर खेल रहे थे तब वह स्वयं ही पवेलियन लौट गए थे।
बता दें कि लखनऊ को अंतिम ओवर में 15 रन की दरकार थी लेकिन तेज गेंदबाज कुलदीप सेन ने दबाव में अच्छा प्रदर्शन किया और संगकारा ने भी उनकी जमकर प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि आखिरी ओवर से पहले मेरी कुलदीप से बात नहीं हुई थी। वह संजू सैमसन, जोस बटलर और अन्य खिलाड़ी थे जिन्होंने उसका हौसला बढ़ाया। कुलदीप ने दबाव में सबसे मुश्किल ओवर किया और हमारे लिए शानदार भूमिका निभाई। लखनऊ का टॉप बल्लेबाजी आर्डर नहीं चलने के बावजूद मार्कस स्टोइनिस के 12 गेंदों पर 28 रन की बदौलत अंतिम ओवर तक मैच में बना रहा।
(Bhasha inputs)