Highlights
- आईपीएल में रिटायर्ड आउट होने वाले पहले खिलाड़ी थे अश्विन
- अश्विन ने लखनऊ सुपर जायंट्स के खिलाफ लिया था ये फैसला
- मांकडिंग भी आईपीएल में पहली बार अश्विन ने की थी
भारत के स्टार ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने आईपीएल 2022 में रिटायर्ड आउट होने के अपने फैसले पर चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने बताया है कि आखिरी लखनऊ के खिलाफ मैच में उन्होंने क्यों यह फैसला लिया था। अश्विन को लगता है कि इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) पहले ही रणनीतिक कदम के तौर पर ‘रिटायर्ड आउट’ का इस्तेमाल देर से कर रहा है। इसे पहली बार करके इसकी शुरूआत करने वाले अश्विन को उम्मीद है कि निकट भविष्य में ऐसा काफी देखने को मिलेगा।
गौरतलब है कि हाल ही में रविवार को लखनऊ सुपर जायंट्स के खिलाफ अश्विन राजस्थान रॉयल्स के लिए छठे नंबर पर बल्लेबाजी करने उतरे लेकिन 19वें ओवर में दो गेंद के बाद मैदान छोड़कर चले गए जिससे रियान पराग क्रीज पर उतरे। अश्विन ने रिटायर आउट होने से पहले 23 गेंद में 28 रन बनाए। अश्विन ने अपने यूट्यूब चैनल पर कहा, ‘‘टी20 बतौर खेल उस ओर जा रहा है जहां फुटबॉल पहुंच चुका है। फुटबॉल में जिस तरह सब्सटीट्यूट खिलाड़ियों का इस्तेमाल होता है, मैंने उसी तरह (रिटायर आउट होकर) किया। हमें पहले ही इसमें देर हो चुकी है, लेकिन मेरा मानना है कि आगामी दिनों में ऐसा काफी देखने को मिलेगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि यह ‘नॉन स्ट्राइकर’ छोर पर खड़े खिलाड़ी को रन आउट करने जैसा ‘दाग’ होगा।’’ हालांकि उन्हें लगता है कि यह कदम शायद हमेशा काम नहीं करेगा। यह कभी कभार कारगर हो सकता है और कभी कभार नहीं भी। फुटबॉल में ये चीजें लगातार होती हैं और हमने टी20 क्रिकेट में पूरी तरह से प्रवेश नहीं किया है। बल्कि आप फुटबॉल में देखोगे कि मेस्सी या क्रिस्टियानो रोनाल्डो अकसर गोल करते हैं। लेकिन उनकी टीम के गोलकीपर को हमेशा गोल बचाने चाहिए और उनके डिफेंडरों को हमेशा अच्छा बचाव करना चाहिए। तभी मेस्सी या रोनाल्डो सुर्खियों में होंगे।’’
वह अंतिम ओवरों में इच्छानुसार बाउंड्री नहीं लगा सकते थे तो अश्विन ने सोचा कि बेहतर होगा पराग के लिये रास्ता बनाया जाए। अश्विन ने कहा, ‘‘यह सिर्फ रणनीतिक कदम था, जब कृष्णप्पा गौतम का 16वां ओवर समाप्त हुआ तो मैंने खुद को कुछ समय दिया और पांच से छह गेंद यह देखा कि मैं एक छक्का या दो चौके लगा सकता हूं। मैंने हिट करने की कोशिश की और सही से टाइम नहीं कर सका। लेकिन रियान पराग जैसा खिलाड़ी जो डगआउट में बैठा था और केवल 10 गेंद बची थीं। अगर वह आता और दो छक्के लगा देता तो हम अच्छा स्कोर बना सकते थे। यह रणनीतिक फैसला था।’’