भारत के पहले टी20 इंटरनेशनल मैच में 2006 में ‘मैच के सर्वश्रेष्ठ’ खिलाड़ी बने दिनेश कार्तिक एक बार फिर भारतीय टीम में वापसी की तैयारियों में जुटे हैं और अपनी प्रतिभा से न्याय करने का प्रयास कर रहे हैं। कार्तिक अब तक 330 टी20 मुकाबले खेल चुके हैं और मंगलवार को इंडियन प्रीमियर लीग में राजस्थान रॉयल्स पर रॉयल चैलेंजर बेंगलोर की जीत में उन्होंने अहम भूमिका निभाई।
मैच में 23 गेंद में 44 रन की पारी खेलने वाले कार्तिक ने कहा, ‘‘मैं प्रयास कर रहा हूं कि अपने साथ न्याय कर सकूं। मुझे लगता है कि पिछले कुछ वर्षों में मैं बेहतर कर सकता था। ’’ आईपीएल में हमेशा से ही काफी लोकप्रिय रहे कार्तिक को एकदिवसीय विश्व कप 2019 के सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड के खिलाफ हार के बाद भारतीय टीम में नहीं चुना गया है।
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पिछले दो साल में वह कोलकाता नाइट राइडर्स के लिए भी बल्ले से उम्दा प्रदर्शन नहीं कर पाए और भारत के लिए डेब्यू करने के 18 साल बाद कार्तिक को अच्छी तरह पता है कि निदाहस ट्रॉफी के फाइनल में आठ गेंद में 29 रन की नाबाद पारी संन्यास लेते समय उनकी एकमात्र विरासत नहीं हो सकती। तमिलनाडु के इस विकेटकीपर बल्लेबाज ने कहा कि उन्होंने ट्रेनिंग के अपने तरीकों में बदलाव किया है।
कार्तिक ने राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ मैच के बाद कहा, ‘‘मैं अलग तरीके से ट्रेनिंग कर रहा हूं। मैं स्वयं से कह रहा हूं कि मेरी पारी अभी खत्म नहीं हुई है। मेरा एक लक्ष्य है और मैं कुछ हासिल करना चाहता हूं।’’ कार्तिक जब बल्लेबाजी के लिए उतरे जो बेंगलोर की टीम को जीत के लिए प्रति ओवर 12 रन बनाने थे। उन्होंने तमिलनाडु की टीम के अपने साथी रविचंद्रन अश्विन को निशाना बनाते हुए चौका जड़ा और फिर लांग आन पर गेंद को छह रन के लिए भेजा।
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उन्होंने इसके बाद इस आफ स्पिनर पर मिड आफ पर चौका जड़ा और फिर रिवर्स स्वीप से भी चौका मारा। कार्तिक के करियर का स्ट्राइक रेट 134 और औसत 27.58 है जो उनकी प्रतिभा के साथ न्याय नहीं करता। कार्तिक को पता है कि उनके अंदर अब काफी क्रिकेट नहीं बचा है और वह बाकी बचे समय का पूरा फायदा उठाना चाहते हैं। वह अब लाल गेंद का क्रिकेट नहीं खेलते और उन्हें पता है कि करियर के अंतिम चरण में टी20 ही उनके लिए महत्वपूर्ण है।