मुंबई। दिल्ली कैपिटल्स के कप्तान ऋषभ पंत ने कहा कि राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) मैच के अंतिम ओवर में कमर से ऊपर की गयी फुलटॉस के लिये तीसरे अंपायर को हस्तक्षेप करना चाहिए था क्योंकि यह उनकी टीम के लिये अहम साबित हो सकती थी। अंपायरों ने जब संभावित नोबॉल के लिये गेंद का रीप्ले नहीं देखा तो पंत ने अपने बल्लेबाजों रोवमैन पॉवेल और कुलदीप यादव को वापस बुला दिया था। दिल्ली ने यह मैच 15 रन से गंवाया।
पंत से जब मैच के बाद उस घटना के बारे में पूछा गया, उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि वह नोबॉल हमारे लिये कीमती साबित हो सकती थी। मुझे लगता है कि यह पता किया जाना चाहिए था कि वह नोबॉल है या नहीं लेकिन यह मेरे नियंत्रण में नहीं है।’’ दिल्ली कैपिटल्स को अंतिम ओवर में 36 रन चाहिए थे। पॉवेल ने ओबेद मैकॉय की पहली तीन गेंदों पर छक्के जड़ दिये थे। इस तरह से दिल्ली को अंतिम तीन गेंदों पर 18 रन चाहिए थे। ऐसे में नॉन स्ट्राइकर छोर पर खड़े कुलदीप ने अंपायर की तरफ इशारा करके आखिरी गेंद का रीप्ले देखने के लिये कहा क्योंकि वह कमर से ऊपर होने पर नोबॉल हो सकती थी। पॉवेल भी अंपायरों से बात करने लग गये लेकिन मैदानी अंपायरों ने कहा कि गेंद वैध थी। पंत ने इसके बाद पॉवेल और कुलदीप से वापस लौटने के लिये कहा। इस बीच सहायक कोच शेन वाटसन ने उनसे बात की।
पंत ने कहा, ‘‘हां, निराशाजनक रहा लेकिन इसमें मैं बहुत कुछ नहीं कर सकता था। हर कोई निराश है। मैदान में सभी ने देखा कि यह करीबी नहीं बल्कि नोबॉल थी। मुझे लगता है कि तीसरे अंपायर को हस्तक्षेप करना चाहिए था और बताना चाहिए था कि यह नोबॉल है, लेकिन मैं स्वयं के लिये नियम नहीं बदल सकता।’’ इस घटना के दौरान दिल्ली के कोचिंग स्टाफ के सदस्य प्रवीण आमरे भी मैदान पर आ गये थे, लेकिन अंपायरों ने उन्हें बाहर जाने के लिये कहा। राजस्थान के लेग स्पिनर युजवेंद्र चहल ने कुलदीप को बाहर जाने से रोकने का प्रयास किया। राजस्थान के सलामी बल्लेबाज और मैच में 116 रन बनाने वाले जोस बटलर को भी सीमा रेखा के पास पंत से बहस करते हुए देखा गया।
पंत से पूछा गया कि क्या नोबॉल को लेकर बहस करने के लिये टीम प्रबंधन के सदस्य को मैदान पर भेजना सही था, उन्होंने कहा, ‘‘निश्चित तौर पर यह सही नहीं था, लेकिन हमारे साथ जो कुछ हुआ वह भी सही नहीं था। मुझे लगता है कि यह दोनों पक्ष की गलती थी क्योंकि पूरे टूर्नामेंट के दौरान हमने अच्छी अंपायरिंग देखी है।’’ राजस्थान रॉयल्स के कप्तान संजू सैमसन ने कहा, ‘‘उस गेंद पर छक्का लग सकता था, यह फुलटॉस थी। अंपायर ने इसे सामान्य गेंद करार किया था। लेकिन बल्लेबाज इसे ‘नोबॉल’ देने की मांग कर रहे थे। अंपायर ने हालांकि अपना फैसला स्पष्ट कर दिया था और वह इस पर अडिग रहे। ’’