Highlights
- आयुष बडोनी ने गुजरात टाइटन्स के खिलाफ 41 गेंदों पर 54 रन की शानदार पारी खेली।
- स्वर्गीय कोच तारक सिन्हा की आखिरी देन में से एक बडोनी भारत की अंडर-19 टीम का भी हिस्सा रह चुके हैं।
मुंबई। एक खिलाड़ी लगातार 3 साल से अपना नाम IPL नीलामी में दे रहा था लेकिन किसी ने मौका नहीं दिया। फिर एक दिन अचानक इस खिलाड़ी की किस्मत खुली और लखनऊ सुपरजायंट्स ने इस 22 साल के खिलाड़ी को खरीद लिया। इसके बाद जब ये खिलाड़ी पहली बार IPL में खेलने उतरा तो अपनी अर्धशतकीय पारी से सभी को चौंका दिया। हम बात कर रहे हैं आयुष बडोनी की, जिन्होंने सोमवार को गुजरात टाइटन्स के खिलाफ 41 गेंदों पर 54 रन की शानदार पारी खेली।
स्वर्गीय कोच तारक सिन्हा की आखिरी देन में से एक बडोनी ने भारत अंडर-19 स्तर पर 2018 में श्रीलंका के खिलाफ युवा टेस्ट मैच में नाबाद 185 रन बनाये थे। एशिया कप में भी उन्होंने फाइनल में केवल 28 गेंदों पर 52 रन की पारी खेली थी। इसके बावजूद उन्हें रणजी ट्राफी और विजय हजारे ट्रॉफी के लिये दिल्ली की टीम में जगह नहीं मिली। उन्हें आईपीएल की पिछली तीन नीलामी में भी नजरअंदाज किया लेकिन इस बार पूर्व भारतीय सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर ने उन्हें मौका दिया।
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बडोनी ने मैच के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘मुझे कुछ पता नहीं था, क्योंकि मेरा नाम (नीलामी में) तीन साल से आ रहा था और कोई टीम मुझे खरीद नहीं रही थी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए इस बार जब मेरा नाम आया, मेरी धड़कन तेज़ थी। मैं नहीं जानता था। मैंने दो-तीन टीम से ट्रायल दिया था। ऐसा दो तीन साल से हो रहा था लेकिन किसी ने मुझे नहीं लिया।’’
बडोनी ने कहा, ‘‘मैं लखनऊ का आभारी हूं कि जो उसने मुझे चुना। इसलिए मुझे अच्छा प्रदर्शन करने और टीम की जीत में योगदान देने की जरूरत है। मैं अपनी तरफ से सर्वश्रेष्ठ प्रयास करूंगा।’’ बडोनी ने पिछले साल मुंबई में सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में केवल पांच टी20 खेले। इनमें भी उन्हें केवल एक मैच में बल्लेबाजी का मौका मिला जिसमें उन्होंने आठ रन बनाये थे। उन्होंने अब तक रणजी ट्रॉफी के मैच नहीं खेले हैं। उन्होंने कहा, "हां, पिछले तीन साल में थोड़ा संघर्ष किया। मुझे दिल्ली से मौका नहीं मिला, जिसकी वजह से मैंने अपने खेल को बेहतर बनाया। नये शॉट आजमाए, नये शॉट सीखे और इससे मुझे टी20 में मदद मिली।’’
(With Bhasha inputs)