भारतीय पूर्व सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग को उनके पूरे करियर के दौरान विस्फोटक अंदाज के लिए जाना जाता था। पारी की शुरुआत वह इस अंदाज में करते थे कि विपक्षी टीम के गेंदबाज भी घबरा जाते थे। सहवाग ने एक समय पर वनडे में भारत के लिए सबसे तेज शतक जड़ा, वहीं टेस्ट क्रिकेट में उनके नाम दो तिहरे शतक दर्ज है। अपने करियर के दौरान और ना जाने कितने रिकॉर्ड इस ताबड़तोड़ खिलाड़ी ने अपने नाम किए। लेकिन गुरुवार रात पृथ्वी शॉ की पारी देखने के बाद सहवाग को एक ओवर में 6 चौके या 6 छक्के नाम मारने का मलाल हुआ। सहवाग ने कहा कि उन्होंने ऐसा करने की कोशिश तो बहुत की, लेकिन वह कभी इसमें सफल नहीं हो पाए।
क्रिकबज से बात करते हुए सहवाग ने शॉ की पारी के बारे में कहा "आज मैच हो रहा था या प्रैक्टिस हो रही थी। 6 गेंदों पर 6 चौके मारना मतलब हर बॉल परफेक्ट गैप में जाना या खिलाड़ी के ऊपर से जाना ये आसान नहीं है। मैंने भी ओपनिंग की है मैंने भी सोचा है कि 6 की 6 गेंदों पर घुमाऊंगा, लेकिन कभी 18 रन तो कभी 20 रन बना पाया। मैं कभी पहुंचा नहीं कि 6 चौके या फिर 6 छक्के मार सकूं। पृथ्वी शॉ ने लाजवाब बैटिंग की है।"
पृथ्वी शॉ ने यह 6 चौके शिवम मावी के पहले ओवर में लगाए। शॉ ने मैच के बाद कहा भी कि वह मावी के साथ 4-5 साल से खेल रहे हैं और वह जानते थे कि वह उन्हें कहां पर गेंदबाजी करेंगे। सहवाग ने कहा कि मैंने आशीष नेहरा के साथ बहुत नेट्स प्रैक्टिस की है, लेकिन मैं फिर भी उन्हें 6 गेंदों पर 6 चौके नहीं लगा सकता।
सहवाग ने कहा "पृथ्वी में या तो यह कॉन्फिडेंस था कि मैं तो मावी के साथ अंडर 19 खेला हूं और ये अब इनस्विंग डालेगा अब स्लो बॉल डालेंगा। लेकिन कितना ही पता हो, मैंने आशीष नेहरा को नेट्स और घरेलू मुकाबलों में इतना खेला है इसके बावजूद में उन्हें 6 चौके नहीं मार सकता।"
कोलकाता नाइट राइडर्स ने इस मुकाबले में पहले बल्लेबाजी करते हुए दिल्ली कैपिटल्स के सामने 155 रन का लक्ष्य रखा था। इस स्कोर तक दिल्ली की टीम 16.3 ओवर में ही पहुंच गई। पृथ्वी शॉ ने 41 गेंदों पर 200 के स्ट्राइकरेट से 82 रन की धुआंधा पारी खेली वहीं शिखर धवन ने 46 रन बनाए।