पृथ्वी ने गुरुवार रात अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में एक ऐसा शो दिखाया जिसे देखने के बाद उनके सभी आलोचकों के मुंह पर ताला लग गया। केकेआर से मिले 155 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए शॉ ने दिल्ली को तेज तर्रार शुरुआत देते हुए 41 गेंदों पर 82 रन की तूफानी पारी खेली थी। शॉ ने इस दौरान पारी के पहले ओवर में शिवम मावी को 6 गेंदों पर लगातार 6 चौके लगाए थे। शॉ को उनकी इस लाजवाब परफॉर्मेंस की वजह से मैन ऑफ द मैच के अवॉर्ड से भी नवाजा गया।
शॉ ने मैच के बाद कहा कि वह जानते थे कि शिवम मावी उन्हें कहां बॉलिंग करने वाले हैं। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि मावी की आखिरी गेंद पर वह शॉर्ट बॉल का इंतजार कर रहे थे, लेकिन मावी ने ऐसा नहीं किया।
पोस्ट मैच प्रजेंटेशन में शॉ ने कहा "सच कहूं तो मैं उस समय कुछ नहीं सोच रहा था, बस खराब गेंद का इंतजार कर रहा था। मावी के साथ खेलते हुए मुझे 4-5 साल हो गए हैं तो मैं जानता था कि वह मुझे कहां बॉलिंग करेगा। मैं शॉर्ट बॉल के लिए तैयार था। उसने पहली पांच गेंदें हाफ वॉली डाली, इस वजह से मैं शॉर्ट बॉल के लिए तैयार था, लेकिन उसने ऐसा नहीं किया।"
विकेट के बारे में बात करते हुए शॉ ने कहा "जब स्पिनर अटैक पर आए तो गेंद बल्ले पर सही से आ नहीं रही थी, गेंद थोड़ा फंत रही थी। मैं ऑफ स्टंप के बाहर वाली गेंद का इंतजार कर रहा था ताकि मैं हाथ खोल सकूं। जब मैं खेल रहा था तो ना तो मैं स्कोर के बारे में सोच रहा था ना अपने, मैं बस टीम को जीताना चाहता था।"
पृथ्वी शॉ जिस अंदाज में बल्लेबाजी करते हैं उसमें पूर्व भारतीय सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग की भी झलक दिखाई देती है। सहवाग के अंदाज में ही शॉ ने केकेआर के खिलाफ पहली गेंद पर चौका लगाकर पारी का आगाज किया। जब उनसे पूछा गया कि क्या आपकी सहवाग से बात हुई है तो उन्होंने कहा अभी तक तो नहीं, लेकिन अगर मौका मिलेगा तो जरूर बात करूंगा क्योंकि वो ऐसे खिलाड़ी थे जिन्हें पहली गेंद पर चौका लगाना पसंद था।
शॉ ने इस पारी के बाद एक बार फिर फ्लॉप ऑस्ट्रेलिया दौरे की बात की। शॉ ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया में फ्लॉप होने के बाद उनके पिता ने उन्हें सपोर्ट किया और स्वभाविक खेल खेलने को कहा। शॉ ने साथ ही कहा कि क्रिकेट के ग्राफ में ऊपर-नीचे चलता रहता है।