दुनिया की सबसे मशहूर और रोमांचक लीग इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की सभी टीमें वर्ल्ड फेमस हैं लेकिन इस लीग की एक ऐसी टीम भी है जिसने कभी ट्रॉफी भले ही न जीती हो लेकिन इसके फैंस सबसे वफादार फैंस माने जाते हैं। वो टीम और कोई नहीं बल्कि रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (आरसीबी) है। इस टीम को इतने सारे लॉयल फैंस मिलने के पीछे का कारण टीम के कप्तान विराट कोहली भी हो सकते हैं। इस टीम के कप्तान राहुल द्रविड़, केविन पीटरसन, अनिल कुंबले और डेनियल विटोरी रहे हैं लेकिन सबसे ज्यादा अवधि के लिए कप्तानी विराट कोहली ने संभाली। विराट ने बतौर कप्तान अपना आखिरी मैच 11 अक्टूबर 2021 को खेला, जिसमें उनको हार झेलनी पड़ी।
आपको बता दें कि इस टीम के फैंस हर साल पूरी उम्मीद और जोश के साथ अपनी टीम को सपोर्ट करने के लिए 'ई साला कप नामदे' बार-बार कहते हैं, जिसका मतलब 'इस साल कप हमारा है' होता है। लेकिन हर साल इन फैंस का दिल टूट जाता है। क्या इसका कारण टीम की खराब कप्तानी है या कुछ और?
गौरतलब है कि इस टीम ने अपना आखिरी मैच आईपीएल 2021 के एलिमिनेटर के तौर पर खेला था। इस मैच में कोलकाता नाइट राइडर्स ने उन्हें 4 विकेट से करारी शिकस्त दी और उनका इस साल ट्रॉफी जीतने का ख्वाब भी चकनाचूर कर दिया। इस साल उम्मीद जताई जा रही थी विराट कोहली की आरसीबी अपने फैंस के लिए ट्रॉफी जीत ही लेगी। क्रिकेट पंडितों और दिग्गजों को भी पूरी आस थी कि इस साल तो ट्रॉफी बैंगलोर ही जाएगी क्योंकि टीम इस सीजन शुरुआत से ही अच्छी लय में थी और टीम का कॉम्बिनेशन अन्य सीजन के मुकाबले बेहतरीन था। बल्लेबाज हों या गेंदबाज, सभी अपना काम बखूबी कर रहे थे। ओपनिंग और फिनिशंग, स्पिनर्स और पेसर्स, सब कमाल के फॉर्म में थे लेकिन इस साल भी इस टीम के साथ आईपीएल ट्रॉफी का लुका-छुपी खेलना बंद नहीं हुआ। इस बार भी ट्रॉफी के इतने करीब आकर हारने के पीछे आप किसे दोष देंगे?
दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में गिने जाने वाले खिलाड़ी विराट कोहली इस टीम की कमान साल 2013 से संभाल रहे थे। हालांकि वे आरसीबी के साथ तब से हैं जबसे आईपीएल का अस्तित्व बना है और आज तक वे इस टीम का हिस्सा हैं। कई नामी खिलाड़ी जैसे क्रिस गेल, केएल राहुल, तिलकरत्ने दिलशान, डेनियल विटोरी आए और गए, यहां तब कि टीम की जर्सी का रंग और लोगो भी बदला लेकिन कोहली ही इकलौते ऐसे थे जो नहीं बदले।
हो सकता है कि कई लोगों के जहन में आरसीबी सुनते ही कोहली की लाल जर्सी में तस्वीर आ जाए... बतौर बल्लेबाज और फील्डर, विराट कोहली पर सवाल उठाना सही नहीं है क्योंकि दुनिया जानती है कि बतौर बल्लेबाज उनकी क्या उपलब्धियां हैं लेकिन क्या वे खुद को एक अच्छा कप्तान साबित कर सके? भारतीय क्रिकेट टीम के लिए भले ही उन्होंने कई अहम मुकाबले जीते लेकिन उन्होंने आज तक कोई आईसीसी ट्रॉफी बतौर कप्तान नहीं जीती, आईपीएल में भी उनकी यही कहानी रही। उन्होंने बतौर कप्तान नौ सालों में एक बार भी टीम को जीत का स्वाद नहीं चखाया।
विराट ने आईपीएल के नौ सीजन में कप्तानी की थी, जिसमें से वे सिर्फ एक बार अपनी टीम को फाइनल तक पहुंचा सके थे। ट्रॉफी के इतने करीब होने के बाद भी किस्मत ने टीम का साथ नहीं दिया और आईपीएल 2016 का फाइनल मुकाबला डेविड वॉर्नर के नेतत्व वाली सनराइजर्स हैदराबाद ने 8 रनों से जीत लिया था। विराट कोहली की आरसीबी की कप्तानी की बात करें तो उन्होंने 140 मैच बतौर कप्तान खेले हैं। जिसमें से 70 मैच वे हारे हैं और 66 मैच वे जीते हैं।
आइए देखते हैं साल दर साल कोहली की कप्तानी में कैसी थी आरसीबी-
साल 2013- पहली बार विराट कोहली आईपीएल के कप्तान बने थे। उस सीजन 16 मैचों में उन्होंने 634 रन बनाए थे। हालांकि ट्रॉफी से वे काफी दूर रहे। टेबल पर उन्होंने पांचवें स्थान पर ये सीजन खत्म किया था। 16 मैचों में उन्होंने 9 मैच जीते थे लेकिन वे प्लेऑफ में जगह बनाने से चूक गए थे। अगर उन्होंने एक मैच और जीता होता तो वे प्लेऑफ में पहुंच जाते। उस सीजन मुंबई इंडियंस ने अपनी पहली आईपीएल ट्रॉफी रोहित शर्मा की कप्तानी में जीती थी।
साल 2014- विराट कोहली ने इस सीजन 14 मैच खेले थे जिसमें उन्होंने 359 रन बनाए थे। उनकी कप्तानी में टीम ने 14 में से 5 मैच जीते थे और 10 अंकों के साथ उन्होंने अपना सीजन सातवें स्थान पर खत्म किया था। इस सीजन की चैंपियंस कोलकाता नाइट राइडर्स बनी थी।
साल 2015- ये पहला सीजन था जब कोहली अपनी टीम को पहली बार टॉप-4 में लाने में कामयाब हुए। बल्लेबाजी भी उनकी अच्छी थी। उन्होंने 15 मैचों में 505 रन बनाए थे। एलिमिनेटर में बैंगलोर ने राजस्थान रॉयल्स को 71 रनों से हराया था लेकिन फिर वे क्वॉलीफायर 2 में उनका ट्रॉफी जीतने का सपना टूट गया। उस सीजन रोहित शर्मा की कप्तानी वाली टीम मुंबई इंडियंस विजेता बनी थी।
साल 2016- ये विराट कोहली के लिए सबसे बेहतरीन सीजन था। बल्लेबाजी में भी उन्होंने कमाल कर दिखाया था। उन्होंने 16 मैचों में रिकॉर्ड 973 रन बनाए थे। उनका एवरेज 81.08 का था और स्ट्राइक रेट भी 152.03 थी। उन्होंने 16 मैचों में चार शतक जड़ दिए थे। क्वालिफायर 1 में गुजरात लायंस को हराने के बाद उन्होंने फैंस को उम्मीद दे दी थी कि इस साल ट्रॉफी उनकी है। लेकिन फिर सनराइजर्स हैदराबाद ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेरा और 8 रनों से जीत कर ट्रॉफी जीत ली।
साल 2017- इस सीजन विराट कोहली, क्रिस गेल और एबी डिविलियर्स चोटिल हो गए थे तब टीम का पूरा बल्लेबाजी क्रम ढह गया था। आरसीबी ने एक सबसे खराब रिकॉर्ड कायम किया था। वे 9.4 ओवर में 49 रन बना कर ऑलआउट हो गए थे। कोहली ने भी 10 मैचों में 308 रन बनाए थे और टेबल पर आखिरी स्थान पर रह कर अपना सीजन खत्म किया था।
साल 2018- बिना क्रिस गेल के एक बार फिर आरसीबी मुंह के बल गिरी थी। उनको पूरे सीजन परफेक्ट प्लेइंग 11 नहीं बना सका था। विराट कोहली ने 14 मैचों में 520 रन बनाए थे और राजस्थान रॉयल्स से 30 रन से हार कर छठे स्थान पर रह कर बाहर हो गए थे। उस सीजन उन्होंने 12 अंक हासिल किए थे।
साल 2019- ये सीजन भी आरसीबी के लिए खराब ही गुजरा था। कोहली ने सिर्फ एक शतक जड़ा था। उन्होंने इस सीजन 14 मैचों में 464 रन बनाए थे। आरसीबी इस सीजन आखिरी पायदान पर रही थी।
साल 2020- नए कोचिंग स्टाफ के साथ कहा जा रहा था कि आरसीबी के लिए चीजें अलग होंगी। आरसीबी ने 14 अंकों के साथ टीम ने क्वॉलीफाई तो कर लिया लेकिन एलिमिनेटर में मिली हार के साथ उनका फिर ट्रॉफी जीतने का ख्वाब टूट गया। सनराइजर्स हैदराबाद ने उन्हें हराया और बाहर कर दिया। 15 मैचों में विराट ने 466 रन बनाए थे।
साल 2021- इस सीजन आरसीबी ओवलऑल अपना बेस्ट परफॉर्मेंस दे रही थी। वे प्लेऑफ में भी पहुंची लेकिन फिर वो टॉप-2 में नहीं आ सकी। एक बार फिर उनका अभियान एलिमिनेटर मुकाबले के साथ ही खत्म हो गया। कोलकाता ने 4 विकेट से हरा कर उनको बाहर का रास्ता दिखाया था। 15 मैचों में विराट ने 405 रन बनाए थे। उनका सर्वाधिक स्कोर नाबाद 72 रन था। उन्होंने इस सीजन 3 अर्धशतक जमाए थे। इसी के साथ उनका आरसीबी के कप्तान के तौर पर सफर खत्म हो गया।
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ऐसे में विराट के कैबिनेट में बतौर कप्तान एक भी आईपीएल ट्रॉफी नहीं आई। उनके सिर पर अब न टीम कॉम्बिनेशन सोचने की जिम्मेदारी होगी और न ही मैच के बाद पोस्ट मैच प्रेजेंटेशन में जवाबदेही की चिंता होगी। अब वे बतौर खिलाड़ी बिना किसी प्रेशर के सिर्फ नए कप्तान को सपोर्ट करेंगे।