लंदन| ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज मार्नस लाबुशेन ने स्वीकार किया कि इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) नीलामी में नजरअंदाज किया जाना भारत में कोविड-19 के बढ़ते मामलों को देखते हुए उनके लिये अप्रत्यक्ष कृपा साबित हुई। इस 26 वर्षीय बल्लेबाज को फरवरी में आईपीएल नीलामी में किसी भी फ्रेंचाइजी टीम ने नहीं खरीदा था। उन्होंने भारत में चल रही इस प्रतियोगिता में भाग ले रहे अपने देश के खिलाड़ियों को लेकर चिंता जतायी।
लाबुशेन ने ‘पीए मीडिया’ से कहा, ‘‘मैं निश्चित तौर पर इसे (आईपीएल में नहीं खेलने को) अप्रत्यक्ष कृपा मानता हूं। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं आईपीएल में खेलना पसंद करूंगा। यह शानदार टूर्नामेंट है लेकिन हमेशा सिक्के के दो पहलू होते हैं। यदि मैं आईपीएल में खेल रहा होता तो मैं देश से बाहर होता और (शैफील्ड) शील्ड जीतना ऐसी चीज है जो हमेशा संभव नहीं होता है।’’
काउंटी क्रिकेट में ग्लेमोर्गन से जुड़ने वाले लाबुशेन ने कहा, ‘‘दूसरा अभी आप भारत की स्थिति को देखिये। यह बहत अच्छी नहीं दिख रही है। ’’ भारत में कोविड-19 की स्थिति विकट बन रखी है तथा प्रत्येक दिन तीन लाख से अधिक मामले आ रहे हैं। आक्सीजन की आपूर्ति में कमी और कुछ अन्य महत्वपूर्ण दवाईयों के न मिलने से स्थिति और बिगड़ गयी है।
ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने भारत में कोविड-19 की स्थिति देखते हुए भारत से 15 मई तक सभी यात्री उड़ानों को निलंबित कर दिया है। आईपीएल फाइनल 30 मई को अहमदाबाद में खेला जाना है। लाबुशेन ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया के अधिकतर खिलाड़ी आईपीएल के जैव सुरक्षित वातावरण (बायो बबल) में असुरक्षित महसूस नहीं कर रहे हैं लेकिन वे स्वदेश वापसी को लेकर चिंतित हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘निश्चित तौर पर आप उनकी भावनाओं को समझ सकते हो। लेकिन मैंने ऐसे बहुत से लोगों से बात नहीं की जो स्वयं को असुरक्षित समझ रहे हों। वे ऑस्ट्रेलिया लौटने को लेकर अधिक चिंतित हैं। उम्मीद है कि वे सुरक्षित रहेंगे और सकुशल ऑस्ट्रेलिया लौटेंगे।’’