इंडियन प्रीमियर लीग 2021 के दूसरे चरण की शुरुआत 19 सितंबर से यूएई में हो रही है। लीग के पहले हिस्से में 29 मैच खेले गए थे और अब बचे हुए 31 मैचों और खेले जाने हैं। सीजन-14 के दूसरे चरण का आगाज डिफेंडिंग चैंपियन मुंबई इंडियंस और चेन्नई सुपरकिंग्स के बीच मैच से है।
इससे पहले सीजन-14 का पहला भाग भारतीय सरजमीं पर खेला गया था। यह दोनों ही टीमें आखिरी बार दिल्ली में के एक दूसरे भिड़ी थी और मुंबई ने चेन्नई को 4 विकेट से हाराया था। इस हार के कारण ही चेन्नई की टीम पॉइंट्स टेबल में पहले स्थान पर नहीं पहुंच पाई थी।
ऐसे में इन दोनों ही चैंपियन टीमों के महामुकाबले से पहले आइए जानते हैं क्या हैं इनकी ताकत और कमजोरी-
चेन्नई सुपरकिंग्स की मजबूती-
आईपीएल के 13वें सीजन में चेन्नई सुपरकिंग्स का प्रदर्शन बेहद ही निराशाजनक रहा था। टीम पहली बार प्लेऑफ में भी जगह नहीं बना पाई थी। हालांकि इसके बाद 14वें सीजन में टीम ने दमदार वापसी की और विरोधियों को कड़ी चुनौती दिया है।
चेन्नई लीग में तीन बार खिताब अपने नाम कर चुका है। ऐसा इसलिए मुमकिन हो पाया, क्योंकि टीम के पास चैंपियन खिलाड़ी है।
आपको बता दें की सीजन-13 में बल्लेबाजी सीएसके के लिए एक बड़ी परेशानी थी लेकिन उसमें टीम ने सुधार किया और 14वें सीजन में बल्लेबाजों ने दमदार प्रदर्शन करते हुए फ्रेंचाइजी को चोटी पर पहुंचाया है। इस सीजन में सीएसके बेस्ट स्ट्राइकर टीम बनकर उभरी है। टीम के बल्लेबाजों ने मध्यक्रम और डेथ ओवर्स में जमकर रन बटोरे हैं।
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पिछले सीजन के बाद चेन्नई टीम ने कुछ खास बदलाव नहीं किया है। टीम में ऑलराउंडर मोइन अली की एंट्री हुई, जिन्होंने 169.9 के स्ट्राइक रेट से तूफानी अंदाज में बल्लेबाजी का जौहर दिखाया। इसके अलावा रवींद्र जडेजा और अंबाती रायुडू टीम के दो मजबूत स्तंभ रूप में हैं जिन्होंने हर मौके पर टीम के लिए ऑलराउंड प्रदर्श किया है।
इसके अलावा निचले क्रम में टीम के लिए ड्वेन ब्रावो, शार्दुल ठाकुर और दीपक चाहर ने गेंदबाजी के साथ-साथ बल्लेबाजी में कई मौकों पर टीम को मुश्किल से निकालने का काम किया है।
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टीम की कमजोरी-
सीएसके लीग की सबसे मजबूत टीमों में से एक है। यही कारण है की किसी भी टीम के लिए सीएसके को हाराना आसान काम नहीं है। हालांकी इससे बावजूद टीम की कुछ कमजोर कड़ी है।
सीएसके के लिए बड़ी चिंता का विषय दो सीनियर खिलाड़ियों की है, जो लगातार फॉर्म से बाहर चल रहे हैं। टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी का बल्ला लंबे समय से खामोस है।
वहीं सुरेश रैना ने दमदार वापसी तो जरूर की लेकिन उसके बाद वह कुछ खास कमाल नहीं दिखा पाए। रैना ने अपने पहले मैच में 54 रनों की पारी खेली थी लेकिन इसके बाद वह बांकी के मैचों में सिर्फ 45 रन ही बना पाए।
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वहीं धोनी चार पारियों में सिर्फ 37 रन बना सके हैं, जिसमें सिर्फ पांच बाउंड्री शामिल है।
मुंबई इंडियंस की मजबूती-
इंडियन प्रीमियर लीग में मुंबई इंडियंस की टीम पांच पर खिताब अपने नाम कर चुकी है। ऐसे में यह कहना बिल्कुल भी गलत नहीं होगा की यह टीम इस लीग की सबसे मजबूतों टीमों से एक है और इसको मजबूत बनाता है इसके खिलाड़ी, कोचिंग स्टाफ और सचिन तेंदुलकर जैसे मेंटॉर।
सीजन-14 के पहले हाफ में मुंबई की टीम 7 में से 4 मुकाबलों में जीत दर्ज कर टेबल में चौथे नंबर पर काबिज है। हालांकि शुरुआती कुछ मैचों में टीम को संघर्ष करना पड़ना लेकिन उसके बाद यह अपने लय में आ गई।
पिछले सीजन में टीम के लिए ईशान किशन, ट्रेंट बोल्ट, क्विंटन डिकॉक और कीरोन पोलार्ड ने धमाकेदार खेल दिखाया और टीम को चैंपियन बनाया था लेकिन सीजन-14 में टीम की सबसे मजबूत कड़ी रूप में राहुल चाहर निकलकर सामने आए हैं।
राहुल चाहर ने कोलकाता नाइट राइडर्स के खिलाफ चार विकेट लेकर अकेले दमपर पर मुंबई को हारे हुए मैच में जीत दिलाई थी। पहले से ही मजबूत मुंबई के लिए राहुल चाहर का प्रदर्शन एक बुस्टर के रूप में काम कर रहा है।
टीम की कमजोरियां-
हालांकि मुंबई लीग की सबसे सफल टीम में से एक है लेकिन सीजन-14 में इस फ्रेंचाइजी के लिए पंड्या बंधु एक कमजोर कड़ी के रूप में सामने आए हैं। निचले क्रम में विस्फोटक अंदाज में खेलने वाले हार्दिक और क्रुणाल सीजन-14 में कुछ खास कमाल नहीं दिखा पाए हैं।
मौजूदा सीजन में हार्दिक ने सिर्फ 52 रन बनाए हैं जबकि क्रुणाल के बल्ले से 76 रन निकला है।
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इसके अलावा 14वें सीजन में ट्रेंट बोल्ट भी अपने रंग नजर नहीं आए हैं। वहीं ईशान किशन का बल्ला भी खामोस ही रहा है। ईशान ने पिछले सीजन में धमाकेदार अंदाज में बल्लेबाजी करते हुए 516 रन बनाए थे।
ऐसे में मुंबई को इन कमजोरियों पर ध्यान देना होगा ताकि टूर्नामेंट में वह मजबूती के साथ आगे बढ़कर छठी बार चैंपियन बनकर खिताब उठा सके।