चेन्नई सुपर किंग्स ने बुधवार रात कोलकाता नाइट राइडर्स को आईपीएल 2021 के 15वें मुकाबले में 18 रनों से मात देकर जीत की हैट्रिक लगाई। इसी जीत के साथ सीएसके की टीम प्वॉइंट्स टेबल में पहले स्थान पर पहुंच गई है। सीएसके की इस जीत में फाफ डु प्लेसिस (95*) और दीपक चाहर (4/29) के अलावा ऋतुराज गायकवाड़ (64) ने भी अहम रोल अदा किया।
पिछले तीन मैचों में निराशाजनक प्रदर्शन करने के बावजूद कप्तान धोनी ने गायकवाड़ को बैक करते हुए उन्हें चौथे मैच में भी मौका दिया और इस युवा खिलाड़ी ने कप्तान के भरोसे पर खड़ा उतरते हुए केकेआर के खिलाफ ताबतोड़ पारी खेली। भारतीय महिला टीम की पूर्व कप्तान और इंडिया टीवी की एक्सपर्ट अंजुम चोपड़ा का भी मानना है कि खिलाड़ी को प्रदर्शन करने के लिए कप्तान के भरोसे की जरूरत होती है।
इंडिया टीवी के शो क्रिकेट धमाका पर अंजुम चोपड़ा ने कहा "जब आपको आपका कप्तान बैक करता है तो अलग सी ऊर्जा जमा हो जाती है और आपके अंदर प्रदर्शन करने का अलग ही जोश रहता है। ऋतुराज गायकवाड़ तो है ही अच्छे खिलाड़ी तो उनके लिए कप्तान की बैकिंग की जरूर है। पिछले सीजन में भी कप्तान के बैक करने के बाद उन्होंने रन बनाए थे। इस सीजन में यही अच्छा है कि शुरुआत के मैचों में ही उन्होंने अपना फॉर्म प्राप्त कर लिया है।"
चेन्नई ने इस मुकाबले में पहले बल्लेबाजी करते हुए केकेआर के सामने 221 रन का लक्ष्य रखा था। इसके सामने एक समय पर केकेआर की टीम ने 31 रन पर अपने 5 विकेट खो दिए थे। तब ऐसा लग रहा था कि केकेआर आसानी से यह मैच हार जाएगा, लेकिन तब रसल (54), कार्तिक (40) और कमिंस (66*) ने लाजवाब पारियां खेलकर टीम को लक्ष्य के नजदीक पहुंचाया मगर वह टीम को जीत नहीं दिला सके।
अंजुम चोपड़ा ने केकेआर की पारी के बारे में कहा "मैं समझती हूं कि शुरुआत से थोड़े बहुत बल्लेबाज टिकते तो अंत तक जाते-जाते चेज थोड़ा बहुत आसान हो जाता कोलकाता नाइट राइडर्स के लिए। 40 रन के अंदर कोलकाता अपने 5 विकेट गंवा बैठा था। इसके बाद जितने रन बनाए वो बहुत शानदार थे, लेकिन जब आप पावरप्ले में इतने विकेट खो देते हैं तो आप मैच में काफी पिछड़ जाते हैं।"
आंद्रे रसल जब 54 के निजी स्कोर पर सैम कुर्रन की गेंद पर बोल्ड हुए तो वो ड्रेसिंग रूम में नहीं गए बल्कि वह सीढ़ी पर है बैठकर मैच देख रहे थे। अंजुम ने इस बारे में कहा कि जब खिलाड़ी अलग जोन में होता है तो उसे लगता है कि ये मैं सबसे अच्छा खेल रहा हूं और खिलाड़ी लक्ष्य की ओर बढ़ता है। जब वह आउट होकर लक्ष्य से चूक जाता है तो उसे खुद को समझाना काफी मुश्किल होता है।