नई दिल्ली। मुंबई इंडियंस को पांचवां आईपीएल खिताब दिलाकर इतिहास रचने वाले रोहित शर्मा ने अपनी करिश्माई कप्तानी का लोहा एक बार फिर मनवा लिया है लेकिन उनके शुरूआती कोच दिनेश लाड का कहना है कि स्कूली दिनों से ही उसमें अपने दम पर मैच जिताने और कप्तानी के विलक्षण गुण थे। रोहित ने दिल्ली कैपिटल्स के खिलाफ फाइनल में अर्धशतकीय पारी खेलने के साथ कुशल कप्तानी से मुंबई को पांच विकेट से जीत दिलाई। वह पांच खिताब के साथ आईपीएल के इतिहास के सबसे सफल कप्तान भी हैं।
लाड ने भारतीय टीम के सीमित ओवरों के उपकप्तान पर आने वाली किताब ‘द हिटमैन : द रोहित शर्मा स्टोरी’ में कहा,‘‘स्कूली दिनों से ही वह अपने दम पर मैच जिताता था और उसमें नेतृत्व क्षमता थी। वह विकेट भी लेता था और शतक भी जमाता था। मैने नौवीं कक्षा में ही उसे स्कूली टीम का कप्तान बना दिया था।’’
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उन्होंने कहा,‘‘वह काफी आक्रामक था जो हमेशा जीतना चाहता था और उस जीत में योगदान देना चाहता था। मैं उसे हमेशा क्रीज पर शांतचित्त होकर खेलने की सलाह देता था क्योंकि तकनीक का वह महारथी था और क्रीज पर जमने के बाद उसे आउट करना अंसभव हो जाता था।’’
मशहूर क्रिकेट लेखक विजय लोकापल्ली और जी कृष्णन की लिखी इस किताब में रोहित के सुनहरे सफर के कई अनछुए पहलुओं को उजागर किया गया है। इसके साथ ही उनके साथी खिलाड़ियों, कोचों और दोस्तों ने उनके बारे में अपनी राय भी बेबाक तरीके से रखी है। ब्लूम्सबरी द्वारा प्रकाशित इस किताब का 18 नवंबर को विमोचन होगा।
विश्व कप 2011 के नायक युवराज सिंह ने प्रस्तावना में लिखा कि अगले टी20 और 50 ओवरों के विश्व कप में रोहित भारतीय टीम के लिये अहम साबित होगा। उन्होंने लिखा,‘‘वह जिस तरह से बड़ी पारियां खेलता है, मुझे यकीन है कि अगले टी20 और 50 ओवरों के विश्व कप में वह भारत का सबसे अहम खिलाड़ी बनेगा। मैं चाहता हूं कि वह अपनी फिटनेस का पूरा ख्याल रखे क्योंकि भारतीय क्रिकेट को इसकी जरूरत है।’’
उन्होंने यह भी कहा,‘‘मध्यक्रम के एक बल्लेबाज का दुनिया के सर्वश्रेष्ठ सलामी बल्लेबाजों में से एक बनना बड़ी उपलब्ध है। सचिन तेंदुलकर और वीरेंद्र सहवाग ही उससे पहले ऐसा कर चुके हैं।’’
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टेस्ट विशेषज्ञ बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा ने 2013 में वेस्टइंडीज के खिलाफ ईडन गार्डंस पर उनके शतक की तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने वही किया जो एक समय वीवीएस लक्ष्मण करते थे।
उन्होंने कहा,‘‘रोहित ने पुछल्ले बल्लेबाजों के साथ उम्दा साझेदारी की जो एक समय वीवीएस लक्ष्मण करते थे। वह 50 रन पर थे जब आठ विकेट गिर चुके थे और उसके बाद उन्होंने शतक जमाया। (रोहित ने उस मैच में आर अश्विन के साथ सातवें विकेट के लिये 280 रन जोड़े थे जो उस समय भारत के लिये नया रिकॉर्ड था।)
रोहित के साथी खिलाड़ी रहे और करीबी मित्र मुंबई के बल्लेबाज अभिषेक नायर ने पूल शॉट में उनकी महारत के बारे में बताया। उन्होंने कहा,‘‘मुंबई के मैदानों पर टेनिस बॉल क्रिकेट आम है और उसमें आपको छक्कों का बादशाह होना पड़ता है। रोहित ने उसी दौर से पूल शॉट में महारत हासिल कर ली। शॉर्ट गेंद पर हुक या पूल लगाने से उसे कोई नहीं रोक सकता। वह स्वीपर कवर और कवर प्वाइंट के ऊपर से बड़े छक्के लगाता था जो आसान नहीं है। बल्लेबाज अक्सर मिडविकेट पर ही छक्के लगाते हैं।’’