कोरोनावायरस के कहर की वजह आईपीएल 2020 अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गया है। अगर यह महामारी नहीं फैली होती तो 24 मई को या तो हमें कोई नया चैंपियन मिल गया होता या फिर मुंबई-चेन्नई जैसी टीमों ने अपनी आईपीएल ट्रॉफी में इजाफा किया होता। खैर, आईपीएल तो हो नहीं रहा है, लेकिन यह वही महीना है जिसमें आईपीएल के फाइनल मैच खेले जाते हैं।
आज ही के दिन 2011 में महेंद्र सिंह धोनी की चेन्नई सुपर किंग्स ने रॉयल चैलेंजर्स बैंगलुरु को फाइनल में मात देकर लगातार दूसरी बार यह खिताब अपने नाम किया था।
आईपीएल के पहले दो सीजन में प्लेऑफ में क्वालीफआई करने के बाद भी सीएसके खिताब जीतने में नाकाम रही थी। लेकिन 2010 में उन्होंने ने इस सिलसिले को तोड़ और पहला खिताब जीता। 2011 में भी सीएसके की टीम फेवरेट मानी जा रही थी।
इस बार सीएसके की टीम ने 18 अंक के साथ दूसरे स्थान पर रहकर फाइनल के लिए क्वालीफाई किया। वहीं डेनियल विटोरी की कप्तानी वाली आरसीबी ने 19 अंकों के साध तीसरी बार आईपीएल प्लेऑफ में जगह बनाई। 2009 में आरसीबी ने डेक्कन चार्जस के खिलाफ फाइनल खेला था वहीं 2010 में वो सेमीफाइनल में हारकर बाहर हो गई थी।
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एक तरफ चेन्नई दूसरे खिताब को जीतना चाहती थी, वहीं आरसीबी की टीम अपना खाता खोलना चाहती थी। इस मैच में चेन्नई सुपर किंग्स ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। धोनी हमेशा से ही प्रेशर भरे मैच में पहले बल्लेबाजी करना चाहते हैं।
धोनी का यह फैसला तब सही साबित हुआ जब मुरली विजय और माइक हसी की सलामी जोड़ी ने पहले विकेट के लिए 159 रन की साझेदारी की। हसी के रूप में चेन्नई को पहले झटका लगा और उन्होंने 63 रनों की पारी खेली। वहीं मुरली विजय के शानदार 95 रनों के दम पर चेन्नई ने आरसीबी के धकड़ बल्लेबाजों के सामने 206 रन का लक्ष्य रखा था।
आरसीबी के पास उस समय क्रिस गेल और एबी डी विलियर्स जैसे खिलाड़ी थे। हर किसी को लगा था कि गेल इस मैच में अच्छा परफॉर्म करेंगे और मैच में रोमांच पैदा करेंगे, लेकिन वह आरसीबी की इनिंग की तीसरी गेंद पर ही आउट हो गए। वहीं एबी डी विलियर्स भी 18 रन का योगदान दे पाए। निर्धारित 20 ओवर में आरसीबी ने 8 विकेट के नुकसान पर 147 रन बनाए। आरसीबी की ओर से सौरभ तिवारी ने सबसे अधिक 42 रन बनाए और चेन्नई की ओर से अश्विन ने 16 रन देकर तीन विकेट झटके। चेन्नई ने 58 रनों से यह मैच जीतकर लगातार दूसरी बार खिताब पर कब्जा किया।