रविवार रात राजस्थान रॉयल्स ने अपना ही रिकॉर्ड तोड़ते हुए आईपीएल की सबसे सफल रन चेज की। किंग्स इलेवन पंजाब द्वारा मिले 224 रन के लक्ष्य को उन्होंने 3 गेंदों और 4 विकेट रहते हासिल कर लिया। इस मैच में 85 रन की सर्वश्रेष्ठ पारी तो संजू सैमसन ने खेली, लेकिन सारी सुर्खियां 27 साल के लेग स्पिनर राहुल तेवतिया बटौर गए।
224 रन के विशाल लक्ष्य का जब राजस्थान रॉयल्स पीछा कर रही थी तो 100 के स्कोर पर उन्हें दूसरा झटका स्टीव स्मिथ के रूप में लगा। इसके बाद हर किसी को लगा था कि राजस्थान अपने अनुभवी बल्लेबाज रॉबिन उथप्पा को भेजेगी, लेकिन उन्होंने राहुल तेवतिया को भेजकर हर किसी को हैरान कर दिया।
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राहुल तेवतिया को राजस्थान ने ऊपर इसलिए भेजा था ताकि वह रवि बिश्नोई जैसे लेग स्पिनर के खिलाफ बड़े हिट लगा सके, लेकिन राहुल तेवतिया ने इसका उलट किया। वह बिश्नोई और मैक्सवेल के खिलाफ जूझते हुए नजर आ रहे थे और उन्होंने रनों का सारा बोझ संजू सैमसन के कंधों पर डाल दिया। 19 गेंदों पर तेवतिया ने मात्र 8 ही रन बनाए थे।
तेवतिया अपनी इस परफॉर्मेंस के बाद सोशल मीडिया पर ट्रेंड होने लगे और हर कोई उनकी आलोचना कर रहा था, यहां तक कमेंट्री बॉक्स में बैठे दिग्गज खिलाड़ियों ने भी उन्हें नहीं बक्शा।
तेवतिया ने पारी के 15वें ओवर में जब बिश्नोई को पहला छक्का लगाया तो खिलाड़ियों समेत राजस्थान रॉयल्स के फैन्स में भी थोड़ी जान आई, लेकिन हर कोई उनके पवेलियन जल्द वापस जाने की कामना कर रहा था।
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तेवतिया तो पवेलियन लौटे नहीं, लेकिन 17वें ओवर की पहली गेंद पर सैमसन 85 रन बनाकर आउट हो गए। क्रीज पर अब तेवतिया ही एकमात्र सेट बल्लेबाज बचे थे और उनको ही कुछ करना था। राजस्थान को जीत के लिए 23 गेंदों पर 63 रन की जरूरत थी। हर कोई उम्मीद हार बैठा था, लेकिन 18वें ओवर में तेवतिया ने जो धमाल मचाया उसे देखकर हर कोई हैरान था।
तेवतिया ने अंतरराष्ट्रीय गेंदबाज शेल्डन कॉट्रेल के एक ओवर में 5 छक्के जड़कर राजस्थान को मैच में वापस ला खड़ा किया। तेवतिया ने पहले दो छक्के बैकवर्ड स्क्वायर लेग की दिशा में लगाए। तीसरी गेंद पर वेस्टइंडीज के गेंदबाज शेल्डन कॉट्रेल ने लेंथ में बदलाव किया और फुल लेथ डिलिवरी डाली, लेकिन उसे भी तेवतिया ने लॉन्ग ऑफ की दिशा में छक्का लगाया। दबाव में कॉट्रेल ने चौथी गेंद फुलटॉस डाली और तेवतिया ने उसे मिड विकेट में छक्का मारा। पांचवी गेंद कॉट्रेल ने धीमी गति से डाली और वह छक्का खाने से बच गए, लेकिन आखिरी गेंद पर तेवतिया ने उन्हें एक और छक्का लगाया।
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19वें ओवर की पांचवी गेंद पर तेवतिया ने एक और छक्का लगाते हुए अपने 50 रन पूरे किए, लेकिन वह अगली ही गेंद पर शमी का शिकार बने। लेकिन तब तक वह जीत राजस्थान की झोली में डाल चुके थे और आखिरी ओवर में उनकी टीम को दो ही रन चाहिए थे।
तेवतिया की यह पारी सभी युवाओं को यह सबक देगी कि शुरुआत भले ही बेकार हो, लेकिन हार नहीं मानोगे तो अंत जरूर अच्छा ही होगा।