नई दिल्ली| इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की टीमों के भीतर ही विकेटकीपर के रोल के लिए कई खिलाड़ी मौजूद हैं, ऐसे में भारत के युवा खिलाड़ी अपने खेल में नए आयाम जोड़े रहे हैं। ईशन किशन मुंबई इंडियंस और संजू सैमसन राजस्थान रॉयल्स के लिए सिर्फ एक बल्लेबाज के तौर पर खेल रहे हैं।
राजस्थान में जोस बटलर और मुंबई में क्विंटन डी कॉक के रहने से टीम के पास ऐसे विकेटकीपर मौजूद हैं जो अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपने आप को स्थापित कर चुके हैं, इसलिए किशन और सैमसन को विकेटकीपिंग के दस्ताने पहनने का मौका नहीं मिला है। सैमसन ने हालांकि कुछ मैचों में विकेटकीपिंग की है।
वहीं दिल्ली कैपिटल्स के लिए खेलने वाले विकेटकीपर ऋषभ पंत ने 2019 विश्व कप में महेंद्र सिंह धोनी के रहते भारतीय टीम में सिर्फ एक बल्लेबाज के तौर पर खेला था।
आम तौर पर विकेटकीपरों के कंधों थ्रो फेंकने के लिए मजबूत नहीं माने जाते। लेकिन कुछ पूर्व खिलाड़ियों का मानना है कि दिनेश कार्तिक के समय से चीजें बदलनी शुरू हो गई थी जिन्हें धोनी के कारण सिर्फ एक बल्लेबाज के तौर पर खेला था। कार्तिक ने भारतीय टीम में सिर्फ एक बल्लेबाज की भूमिका निभाई है और मैदान पर विकेटकीपिंग न कर फील्डिंग की है।
विकेटकीपरों की आने वाली पीढ़ी को अपनी बल्लेबाजी, थ्रो और फील्डिंग स्किल्स को भी मजबूत करना होगा और यह नजर भी आ रहा है क्योंकि पंत, सैमसन, किशन और केएस. भरत जो इस आईपीएल में नहीं खेल रहे हैं, सिर्फ एक बल्लेबाज के तौर पर खेलने को तैयार हैं।
भारतीय टीम के पूर्व मुख्य चयनकर्ता और विकेटकीपर एमएसके प्रसाद ने आईएएनएस से कहा, "अगर आपके पास धोनी जैसा खिलाड़ी है तो आपको विकल्प देखने होंगे। धोनी शानदार विकेटकीपर, महान बल्लेबाज और इन सबसे ज्यादा शानदार कप्तान हैं। उनकी जगह पक्की थी। इसलिए कार्तिक और पार्थिक पटेल बैकअप विकेटकीपर के तौर पर आते थे और अच्छे फील्डर की तरह भी, ताकि जब समय आए तो आप एक बल्लेबाज के तौर पर खेल सकें।"
उन्होंने कहा, "कार्तिक और पार्थिव का शुक्रिया कहना चाहिए जो पूरी तरह से सिर्फ बल्लेबाज के तौर पर खेलने को तैयार थे। पिछले डेढ़ दशक में यही हुआ है। लेकिन यह आने वाली पीढ़ी की सोच नहीं होनी चाहिए। उन्हें अपनी विकेटकीपिंग स्किल्स पर मेहनत करनी चाहिए, नहीं तो वो अपनी प्राथमिक स्किल खो देंगे।"
किंग्स इलेवन पंजाब के कप्तान लोकेश राहुल आईपीएल के पहले के संस्करणों में एक बल्लेबाज के तौर पर ही खेले हैं। अन्य पूर्व विकेटकीपरों का मानना है कि विकेटकीपर बाकी चीजों के लिए तैयार रहें।