दिल्ली डेयरडेविल्स के लिए आईपीएल 11 काफी निराशाजनक रहा है। टीम प्लेऑफ की रेस से बाहर हो चुक है। फिरोजशाह कोटला में उन्हें सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ 9 विकेट से हार का सामना करना पड़ा। हार के बावजूद दिल्ली के युवा बल्लेबाज ऋषभ पंत ने सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा। 20 साल का ये खिलाड़ी ने आईपीएल 2018 में शतक जमाने वाला पहला भारतीय बना। पंत ने 63 गेंदों मे 128 रनों की ताबड़तोड़ पारी खेली।
ऋषभ पंत की ये पारी भारतीय सलेक्टर्स को भी करारा जवाब है क्योंकि हाल ही में आयरलैंड और इंग्लैंड के लिए भारतीय टीम की घोषणा की गई। जिसमें टी-20 टीम में पंत को जगह नहीं मिली। जबकि श्रीलंका के खिलाफ खेली गई निदाहास ट्रॉफी में भारतीय टीम का हिस्सा थे।
अबतक ऋषभ टाइमिंग की बजाय सिर्फ गेंद पर जोर से प्रहार करने पर ध्यान देते थे लेकिन इस बार आईपीएल में उनके खेल में काफी सुधार देखने को मिला है। पंत ने ना सिर्फ अपने गेम में इनोवेटिव शॉट्स जोड़े हैं बल्कि उसको निरंतरता के साथ एक्सइक्यूट भी करके दिखाया है।
सनराइजर्स के खिलाफ उन्होनें वर्ल्ड के बेस्ट डेथ बॉलर्स में गिने जाने वाले- भुवनेश्वर कुमार के खिलाफ शार्ट थर्ड मैन के ऊपर से रैम्प शॉट खेल कर सबको हैरान और भुवी को परेशान कर दिया। उन्होंने इस शॉट को कई बार खेला जैसे उनको ये शॉट खेलने की प्रैक्टिस बचपन से हो।
पंत नें इस सीजन रिवर्स स्विप का भी काफी बढ़िया प्रयोग किया है। दिल्ली के इस प्रतीभाशाली खिलाड़ी ने बड़े शॉट्स खेलने के लिए बेहतर ऐंगल बनाने के लिए क्रीज में शफल करना भी शुरु किया है, जो उनके लिए काफी लाभदायक साबित हो रहा है। इसके अलावा ऋषभ जो केवल अपनी ताकत और बड़े शॉट्स के लिए जाने जाते, गैप भी काफी अच्छे तरीके से भेदते नजर आए हैं। अक्सर हम यह भी देखा करते थे की यह लेफ्ट हैंडर जब मारने के मूड में आता था तो लेग-साइड पर ज्यादा निर्भर करता था। मगर अब पंत ऑफ-साइड की तरफ, खासतौर पर एक्स्ट्रा-कवर में काफी शॉट्स खेलते दिख रहे हैं। पंत का बढ़ा हुआ रेंज उऩको गेंदबाज के खिलाफ मानसिक लड़ाई में काफी फायदा पहुंचा रहा, और इसका असर आईपीएल 11 में उनके आंकड़े भी बयान करते हैं।
ऑरेंज कैप होल्डर
ऋषभ पंत अबतक 11 मैचों में 52.10 की औसत से 521 रन बनाए हैं। इस वक्त वो ऑरेंज कैप होल्डर है। पंत का स्ट्राइक रेट (179.66) टॉप-20 रन गेटर्स में सबसे बेहतरीन है। इस लिस्ट में ऋषभ ने एबी डिविलियर्स, महेंद्र सिंह धोनी, जॉस बटलर और विराट कोहली जैसे खिलाड़ियों को भी पीछे छोड़ा है।
क्या पंत को ड्राप करना सेलेक्टर्स की भूल थी?
निदाहास ट्रॉफी में कई सीनियर खिलाड़ियों को आराम दिया गया था जिसमें विकेट-कीपर बल्लेबाज महेंद्र सिंह धोनी का नाम भी शामिल था। इस टी-20 ट्राई-सीरीज में पंत को बैक-अप कीपर के तौर पर चुना गया थे लेकिन आयरलैंड और इंग्लैंड दौरे में धोनी वापसी कर रहे और बैकअप-कीपर का रोल दिनेश कार्तिक का होगा। जो निदाहास ट्रॉफी में भारत की जीत के नायक रहे थे लेकिन निदाहास ट्रॉफी में ऋषभ पंत नें दो मैच बतौर स्पेशलिस्ट बल्लेबाज खेले थे यानी ऐसा भी नहीं है की टीम मैनेजमेंट उनको सिर्फ एक विकेटकीपर के तौर पर देखता है। यहां तक की टीम में उनका चुनाव भी साल के शुरुआत में खेली गई सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में उनके लाजवाब प्रदर्शन को देखते हुए किया गया था। जिसमें पंत नें सबसे ज्यादा रन बनाए थे। निदाहास ट्रॉफी वाले पंत और आईपीएल वाले पंत में अंतर साफ दिख रहा है। इस युवा खिलाड़ी नें अपने खेल का स्तर काफी बढ़ाया है और हैदराबाद के खिलाफ खेली गई उनकी शतकीय पारी इस बात पर मोहर लगाता है।
ऐसा नहीं है की कल की पंत की पारी कोई अपवाद हो। उऩ्होनें अभी तक पूरे आईपीएल में एक के बाद एक जबरदस्त पारी खेल अपना लोहा मनवाया है। पंत ने ड्रॉप होने आईपीएल के बेस्ट बालिंग अटैक (हैदराबाद) की धज्जिया उड़ाई है। सेलेक्टर्स को जवाब देने का बल्ले से बेहतरीन शायद ही कोई और तरीका हो सकता था। कहीं न कहीं सेलेक्टर्स ऋषभ पंत के हॉट फार्म को देखते हुए उन्हें एक स्पेशलिस्ट बल्लेबाज के तौर पर चुन सकते थे। खासकर ऐसे समय में जब भारत को बड़े छक्के लगाने वाले मिडिल-ऑर्डर बल्लेबाज की सख्त जरुरत थी।
लेखक: हर्षित आनंद