IPL 2018 में दिल्ली डेयरडेविल्स के खराब प्रदर्शन के बाद गौतम गंभीर ने कप्तानी छोड़ दी थी। जिसके बाद श्रेयस अय्यर को टीम का नया कप्तान बनाया गया था। गौतम ने ना सिर्फ कप्तानी छोड़ी बल्कि टीम के खराब प्रदर्शन की जिम्मेदारी लेते हुए खुद को प्लेइंग इलेवन से भी बाहर रखा। हालांकि गंभीर के कप्तानी छोड़ने के बाद भी टीम के प्रदर्शन कुछ ज्यादा फर्क नहीं पड़ा। दिल्ली अपने 14 में 9 मैच हार कर प्वाइंट्स टेबल में सबसे नीचे रही।
गंभीर इस सीजन में दिल्ली डेयरडेविल्स के लिए शुरुआती 6 मैच खेले। जिसमें पहले मैच में उन्होंने किंग्स इलेवन पंजाब के खिलाफ अर्धशतक जड़ा था। इसके बाद अगले 5 मैचों में गंभीर का बल्ला नहीं बोला। जिसकी वजह से उन्होंने ये बड़ा फैसला लिया।
गंभीर के प्लेइंग इलेवन में ना खेलने का सीधा फायदा हुआ युवा बल्लेबाज पृथ्वी शॉ को। गंभीर के बाहर बैठने के बाद पृथ्वी को दिल्ली के लिए ओपन करने का मौका मिला। पृथ्वी ने इस आईपीएल में 9 मैचों में 27.22 की औसत से 245 रन बनाए। इस दौरान उनके बल्ले से 2 अर्धशतक भी निकले।
आईपीएल से बाहर होने के बाद दिल्ली के कोच रिकी पॉन्टिंग ने खुद गंभीर के इस फैसले की तारीफ करते हुए कहा कि, "गौतम के कप्तानी छोड़ने से मुझे नहीं लगता कि टीम के प्रदर्शन पर कोई नकारात्मक प्रभाव पड़ा। मैं यह कह सकता हूं कि मेरे साथ-साथ कई खिलाड़ियों को हैरानी हुई। कप्तानी छोड़ना एक हिम्मत वाला फैसला था क्योंकि उन्हें लग रहा था कि उन्होंने जो किया है वह टीम की भलाई सोच कर किया। यह एक इंसान के रूप में उनके व्यक्तित्व के बारे में कई चीजें दर्शाता है। उनके कप्तानी छोड़ने के साथ-साथ टीम के अंतिम एकादश से हटने के फैसले से पृथ्वी शॉ को खेलने का मौका मिला।"
जाहिर है गंभीर ने खुद को बाहर रख एक युवा बल्लेबाज को मौका देना ज्यादा बेहतर समझा और पृथ्वी शॉ ने दिल्ली के कई मैचों में अच्छी पारियां खेलकर इस प्लेटफॉर्म का पूरा फायदा उठाया।