दुनिया को आईपीएल 2018 का चैंपियन मिल चुका है और ये कोई और नहीं बल्कि भारत के सबसे सफल कप्तान रह चुके एम एस धोनी की टीम चेन्नई सुपर किंग्स रही। धोनी की टीम ने तीसरी बार आईपीएल का खिताब जीता। चेन्नई ने इससे पहले 2010, 2011 में भी आईपीएल जीता था। दो साल बाद आईपीएल में वापसी कर रही चेन्नई की टीम टूर्नामेंट की शुरुआत से ही बेहतरीन खेलती नजर आई और आखिरकार फाइनल में वो कर दिखाया जिसका उन्हें और उनके फैंस को कई सालों से इंतजार था। फाइनल मैच में चेन्नई ने सनराइजर्स हैदराबाद को 8 विकेट से हराया। आइए आपको बताते हैं आखिर वो क्या कारण रहे जिसने चेन्नई को फाइनल जिताया।
शेन वॉटसन का धमाका: चेन्नई की जीत का सबसे बड़ा कारण शेन वॉटसन की पारी रही। वॉटसन ने फाइनल में 51 गेंदों में शतक जड़ा। वॉटसन ने अपनी शतकीय पारी में 7 चौके और 8 छक्के जड़े। वॉटसन का स्ट्राइक रेट 205.26 का था। वॉटसन की पारी की खास बात ये रही कि उन्होंने अपना खाता 11 गेंदों में खोला था।
चेन्नई की बल्लेबाजी का 13वां ओवर: चेन्नई सुपर किंग्स की बल्लेबाजी के दौरान 13वें ओवर में ऐसा कुछ हुआ कि मैच का पूरा नक्शा ही बदल गया। दरअसल, पारी का 13वां ओवर हैदराबाद की तरफ से संदीप शर्मा फेंक रहे थे। इस दौरान बल्लेबाज शेन वॉटसन ने इस ओवर में 2 चौके, 3 छक्के जड़ दिए और कुल 27 रन ठोक डाले। वॉटसन 13वें ओवर की पहली गेंद पर कोई रन नहीं ले सके। लेकिन इसकी अगली गेंद पर उन्होंने चौका जड़ दिया। वहीं, तीसरी, चौथी और पांचवीं गेंद पर वॉटसन ने लगातार तीन छक्के ठोक दिए। अगली गेंद संदीप ने वाइट फेंकी और ओवर की आखिरी गेंद पर वॉटसन ने एक और चौका ठोका। इस तरह से वॉटसन ने ओवर में 2 चौकों और 3 छक्कों की मदद से 27 रन ठोक डाले।
धोनी की दमदार कप्तानी: चेन्नई की जीत का एक कारण धोनी की दमदार कप्तानी भी रही। धोनी विकेट के पीछे से लगातार अपने खिलाड़ियों को निर्देश दे रहे थे। वो हर गेंद के बाद गेंदबाज से बात कर रहे थे। धोनी ने मैच के लिए हर रणनीति तैयार की थी और जिसका फायदा टीम को मिला। धोनी का हर फैसला टीम के पक्ष में जाता दिखा।