मुंबई: मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में आज कुछ ही घंटे में चेन्नई सुपर किंग्स और सनराइज़र्स हैदराबाद के बीच IPL-2018 का पहला क्वालिफ़ायर खेला जाएगा. इस मुक़ाबले में जीतने वाली टीम जहां सीधे फ़ाइनल में पहुंच जाएगी वहीं हारने वाली टीम को एक और मौक़ा मिलेगा. एलिमिनेटर मैच में जीतने वाली टीम को हराकर वह फ़ाइनल में एक बार फिर विजेता टीम हिसाब बराबर कर सकती है. हैदराबाद लीग स्टेज में शानदार प्रदर्शन करके प्लेऑफ़ में पहुंची है. पाइंट टेबल में भी वह टॉप पर रही है. हैदराबाद की सबसे बड़ी ताक़त उसकी गेंदबाज़ी है जिसके बूते उसने छोटे स्कोर को भी डिफ़ेंड किया है लेकिन यही ताक़तवर गेंदबाज़ी चेन्नई के ख़िलाफ़ दोनों मैचों में फ़्लॉप हुई है जो चेन्नई ने जीते हैं.
पहले मुक़ाबले में चेन्नई ने पहले बल्लेबाज़ी कर महज़ तीन विकेट खोकर 182 रन बनाए थे. इस मैच में स्टार स्पिनर राशिद ख़ान की काफ़ी पिटाई हुई थी. उन्होंने अपने चार ओवर में 49 रन दे डाले थे और सिर्फ़ एक विकेट लिया था. इस मैच में धोनी ने नाबाद 25 (12) रन बनाए थे. लेकिन राशिद जिस तरह के बॉलर हैं, वो किसी भी टीम की बैटिंग लाइन-अप को ध्वस्त करने की क़ाबिलियत रखते हैं. इसका उदाहरण है दूसरा मैच जिसमें उन्हें विकेट तो नहीं मिले लेकिन रन महज़ 25 दिए थे. यहां ग़ौर करने वाली बात ये है कि इस मैच में चेन्नई ने सिर्फ दो विकेट खोकर 180 रन बनाए थे यानी हाथ में विकेट रहने के बावजूद चेन्नई के बल्लेबाज़ राशिद ख़ान को लूट नहीं पाए थे.
अनुभवी भुवनेश्वर कुमार, संदीप शर्मा, सिद्दार्थ कौल और शाकिब अल हसन को चेन्नई के बल्लेबाज़ अच्छे से खेले हैं. वानखेड़े का विकेट घूमता है और यही धोनी की सबसे बड़ी चिंता है. राशिद ख़ान ऐसे बॉलर हैं जो विकेट ख़रीदने से हिचकते नहीं हैं. वह बल्लेबाज़ को टारगेट कर उसे ललचाते हैं और फिर उसका विकेट झटक लेते हैं. इस मैच में राशिद के निशाने पर होंगे चेन्नई के इन फ़ॉर्म बल्लेबाज़ अंबाती रायडू. टॉप 10 बल्लेबाज़ो में चेन्नई के तीन बल्लेबाज़ आते हैं. अंबाती रायडू (586), धोनी (446) और शैन वॉटसन (438). वैसे वॉटसन ने जिस तरह से प्रतियोगिता की शुरुआत की थी वैसी लय वह बाद में बरक़रार नहीं रख पाए और उनका प्रदर्शन बल्ले से कभी शोला तो कभी शबनम की तरह रहा है. अगर राशिद ने रायडू और धोनी को सस्ते में निकाल दिया तो चेन्नई मुसिबत में फंस सकती है.
धोनी अक़्सर छक्का लगाकर मैच ख़त्म करते हैं यानी वह जीत के लिए आख़िरी वक़्त तक इंतज़ार करना पसंद नहीं करते. ऐसे में ज़ाहिर है धोनी पहली फ़ुरसत में फ़ाइनल पहुंचना चाहेंगे और इसके लिए राशिद ख़ान को साधना उनके लिए सबसे बड़ी चुनौती होगी.