नई दिल्ली: एक समय के धाकड़ बल्लेबाज़ युवराज सिंह इन दिनों अपने फ़ॉर्म से जूझ रहे हैं. IPL 2018 में पहले 6 मैचों में ख़राब प्रदर्शन के बाद युवराज को हैदराबाद के ख़िलाफ़ मैच में बाहर बैठा दिया गया था. कैंसर से लड़ने के बाद युवी ने क्रिकेट की दुनिया में फिर से वापसी की थी, लेकिन उसके बाद से उनके प्रदर्शन में गिरावट आई है. युवराज सिंह का कहना है कि निजी और पेशेवर जिंदगी के बीच संतुलन बनाना बड़ा मुश्किल काम है. दोनों में सामंजस्य बैठाना कई बार कठिन हो जाता है, लेकिन समर्पित टीम की बदौलत इसे पटरी पर लाया जा सकता है.
युवराज ने बताया कि मेरी सभी जिम्मेदारियों के साथ में मैं व्यवस्थित रहूं इसके लिए समर्पित टीम काम करती है. मैं जानता हूं कि मैं कितना खुशकिस्मत हूं. उनका कहना है कि उन्हें कोई शिकायत नहीं है. युवराज इन दिनों फॉर्म से जूझ रहे हैं. युवाओं को प्रेरित करने के सवाल पर युवराज ने बताया कि जब मैं खेल रहा हूं तो मैं प्रेरित होने पर ध्यान देता हूं और प्रत्येक दिन को मैं ज्यादा से ज्यादा भुनाने के अवसर के रूप में देखता हूं. फैंस और समर्थकों के प्यार और शुभकामनाओं को पाकर सौभाग्यशाली मानता हूं.
आइपीएल में विदेशी खिलाड़ियों के खेलने से भारत के होम एडवांटेज को गंवाने के सवाल पर युवी का जवाब था, कि आइपीएल यह सोचकर शुरू किया गया था कि दुनिया की श्रेष्ठ क्रिकेटर एक साथ खेले और फैंस का मनोरंजन करें. इसलिए पिछले 11 वर्षो में देखने में आया है कि गैर भारतीय खिलाड़ी भारतीय उपमहाद्वीप की पिचों को बेहतर समझते हैं, लेकिन इसका उलटा भी हुआ है.