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IPL-2018 CSK vs SRH: कूल कप्तान धोनी और विलियमसन आज अपनी ताक़त-कमज़ोरी के साथ करेंगे ज़ोर आज़मायश

IPL-2018 की लीग स्टेज समाप्त हो गई है और अब प्लेऑफ़ में चार टीमों ने ख़िताब जीतने के लिए कमर कस ली है. इस स्टेज पर पहुंचने के बाद अमूमन देखा गया है कि टीमों का खेल स्तर बढ़ जाता है, यानी उसकी ताक़त जहां और बड़ी ताक़त बन जाती है वहीं उसकी कमज़ोरियां और ख़ामियां जोश और उत्साह के नीचे दब जाती हैं.

Written by: Feeroz Shaani
Updated on: May 22, 2018 12:29 IST
विलियमसन, धोनी- India TV Hindi
विलियमसन, धोनी

मुंबई: IPL-2018 की लीग स्टेज समाप्त हो गई है और अब प्लेऑफ़ में चार टीमों ने ख़िताब जीतने के लिए कमर कस ली है. इस स्टेज पर पहुंचने के बाद अमूमन देखा गया है कि टीमों का खेल स्तर बढ़ जाता है, यानी उसकी ताक़त जहां और बड़ी ताक़त बन जाती है वहीं उसकी कमज़ोरियां और ख़ामियां जोश और उत्साह के नीचे दब जाती हैं. प्लेऑफ़ स्टेज का पहला क्वालिफ़ायर मैच आज पाइंट टेबल की टॉप टीम सनराइज़र्स हैदराबाद और दूसरे नंबर की टीम चेन्नई सुपर किंग्स के बीचे होगा. पाइंट टेबल में पहले दो नंबर पर रहने का टीम को ये फ़ायदा मिलता है कि वह पहला क्वालिफ़ायर हारने के बाद भी फ़ाइनल की रेस में बनी रहती है. हारने के बाद उसे एलिमिनेटर मैच की विजेता से फिर खेलने का मौक़ा मिलता है और इस तरह उसके पास फ़ाइनल में पहुंचने एक और मौक़ा होता है.

रोचक संजोग : आईपीएल में जीत का गजब योग

दिलचस्प बात ये है कि प्लेऑफ़ में जो टीम नंबर दो पर रही है वो पांच बार चैंपियन बनी है जबकि नंबर वन टीम दो बार ख़िताब जीत सकी है.

धोनी की CSK विलियमसन SRH पर पड़ सकता है भारी

अब अगर बात करें चेन्नई और हैदराबाद की तो लीग स्टेज के प्रदर्शन के हिसाब से चेन्नई का पलड़ा भारी लगता है क्योंकि लीग के दौरान दोनों के बीच दो मैच हुए और दोनों ही मैच चेन्नई ने जीते थे. चेन्नई IPL के आठ सीज़न में खेली है और 2010 और 2011 में चैंपियन बनी जबकि 2008, 2012, 2013 और 2015 में उप-विजेता रही है. मैच फ़िक्सिंग के आरोप की वजह से वह 2016 और 2017 में IPL से निलंबित थी.  

स्पिनरों का बोलबाला रहा, धोनी और अंबाती रायडू चेन्‍नई की सबसे बड़ी ताकत

टी-20 मूलत: बल्लेबाज़ों का खेल होता है हालंकि इस बार भारतीय विकटों पर स्पिनरों का बोलबाला रहा है. इस मामले में चेन्नई आगे नजर आती है. टॉप 10 बल्लेबाज़ो में चेन्नई के तीन बल्लेबाज़ आते हैं. अंबाती रायडू (586), धोनी (446) और शैन वॉटसन (438). वैसे वॉटसन ने जिस तरह से प्रतियोगिता की शुरुआत की थी वैसी लय वह बाद में बरक़रार नहीं रख पाए और उनका प्रदर्शन बल्ले से कभी शोला तो कभी शबनम की तरह रहा है. चेन्नई की बल्लेबाज़ी रायडू और धोनी की इर्दगिर्द घूमती है हालंकि दीपक चाहर के रुप में उन्हें लीग स्टेज के आख़िरी दौर में एक अच्छा ऑलराउंडर मिल गया है. चेन्नई की सबसे बड़ी ताक़त है धोनी का कूलिंग इफ़ेक्ट यानी मैच की परिस्थिति चाहे जो हो, खिलाड़ी शांत और संयम भाव से उसका सामना करते हैं. इसे बेहिचक कैप्टन कूल का प्रभाव ही कहा जा सकता है. इसके अलावा चेन्नई ने जीत की लय पकड़ रखी है जिसका फ़ायदा उसे प्लेऑफ़ में मिल सकता है.

लेकिन कमज़ोर गेंदबाज़ी की महंगी क़ीमत चुकानी पड़ सकती है

ब अगर चेन्नई की कमज़ोरी की बात करें तो बॉलिंग उसकी सबसे बड़ी ख़ामी है. टॉप 10 में उसका एक भी बॉलर नही है. इसके अलावा उसके दो ऑलराउंडर सुरेश रैना और रविंद्र जडेजा अब न सिर्फ़ मैच विनर नहीं रहे हैं बल्कि उनका प्रदर्शन भी औसत ही रहा है. रैना से तो धोनी अब बॉलिंग भी नहीं करवाते हैं. हरभजन सिंह से वो बॉलिंग ज़रुर करवा रहे हैं लेकिन वह उतने प्रभावशाली साबित नहीं हुए हैं जितनी की उनसे अपेक्षा की जाती है. लुंगी नगिदी ने रविवार को पंजाब के ख़िलाफ बहुत अच्छी बॉलिंग की थी और धोनी को उनसे आगे भी ऐसे ही प्रदर्शन की आशा होगी.

केन विलियमसन की बेहतरीन कप्‍तानी से सनराइजर्स हैदराबाद की बड़ी ताकत

​अब बात करते हैं हैदराबाद की. हैदराबाद की निरंतरता उसकी सबसे बड़ी ताक़त साबित हुई है जिसने उसे ज़बरदस्त आत्मविश्वास दिया है. प्रतियोगिता शुरु होने के पहले किसी भी ने भी उम्मीद नहीं की थी कि उसका प्लेऑफ़ तक का सफ़र इस क़दर आरामदेह रहेगा. इसका श्रेय जाता है केन विलियमसन को जिनकी शानदार कप्तानी की वजह से टीम के खिलाड़ी अपना 100% से भी ज़्यादा देने के लिए जान लगा देते हैं. विलियमसन बेशक़ इस IPL के सबसे बेहतरीन कप्तान साबित हुए हैं. आपको याद दिला दें कि बॉल टेंपरिंग मामले में ऑस्ट्रेलिया के डेविड वॉर्नर को न सिर्फ राष्ट्रीय टीम से 12 महीने के लिए हटा दिया गया बल्कि IPL के भी इस सीज़न में खेलने पर प्रतिबंध लग गया. उनकी जगह विलियमसन को हैदराबाद की कमान सौंपी गई. 

चेन्‍नई की बेहतरीन बल्‍लेबाजों पर हैदराबाद के गेंदबाज पड़ सकते हैं भारी

​हैदराबाद की दूसरी सबसे बड़ी ताक़त है उसकी गेंदबाज़ी. इसी गेंदबाज़ी की बदौलत उसने छोटे-छोटे स्कोर को भी बख़ूबी बचाया है. टॉप 10 गेंदबाज़ो में सिद्धार्थ कौल (17) और राशिद ख़ान (14) आते हैं. इन दोनों के अलावा संदीप शर्मा ने भी अपनी रफ़्तार से बल्लेबाज़ों को परेशान किया है. भुवनेश्वर कुमार और शाकिब अल हसन अपने अनुभव से मैच का रुख़ बदलने का दम रखते हैं. शाकिब अच्छे बल्लेबाज़ भी हैं.

बैंटिंग आर्डर चल गया तो बात बन सकती है :

अगर अब बात करें कमज़ोरियों की तो हैदराबाद के कप्तान केन विलियमसन पर अब तक सारा दारोमदार रहा है. टॉप 10 बल्लेबाज़ों में वह एकमात्र बल्लेबाज़ है जो 661 रन के साथ दूसरे नंबर पर हैं. ओपनर शिखर धवन शुरु में तो चले लेकिन जैसे जैसे प्रतियोगिता आग बढ़ती गई, उनका बल्ला ठंडा पड़ता गया. हैदराबाद के लिए ये चिंता की बात हो सकती है. इसके अलावा हैदराबाद पर चेन्नई के ख़िलाफ़ मनोवैज्ञानिक दबाव भी होगा क्योंकि लीग स्टोज में वह उससे दोनों मैच हारी है. सबसे दिलचस्प बात ये है कि बॉलिंग जहां उसकी सबसे बड़ी ताक़त है वही पिछले कुछ मैचों में उसकी सबसे बड़ी कमज़ोरी बनी है. राशिद ख़ान और संदीप शर्मा की अच्छी ख़ासी पिटाई हुई थी.

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