नयी दिल्ली: बीते रविवार को IPL-2018 फ़ाइनल में चेन्नई सुपर किंग्स ने सनराइज़र्स हैदराबाद को हराकर ख़िताब जीता. इस जीत में ऑस्ट्रेलिया के शैन वॉटसन का सबसे बड़ा योगदान रहा जिन्होंने नाबाद शतक लगाकर अपनी टीम को जीत दिलाई. ये चेन्नई की तीसरी ख़िताबी जीत है.
IPL के इस सीज़न में काफ़ी खिलाड़ी चमके और कई अपनी प्रतिष्ठा के अनुरुप प्रदर्शन नहीं कर सके. हम यहां बताने जा रहे हैं साउथ अफ़्रीका के बारे में. आपको बता दें कि साउथ अफ़्रीका के दिग्गज बल्लेबाज़ एबी डिविलियर्स ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से सन्यास लेने की घोषणा कर दी है. इसके बाद विश्व कप के लिए साउथ अफ़्रीका की टीम में नंबर चार की जगह ख़ाली हो गई है.
एबी डिविलियर्स- रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर
रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर हालंकि प्लेऑफ़ स्टेज में नहीं पहुंच सकी लेकिन डिविलियर्स का प्रदर्शन शानदार रहा. 34 साल के डिविलियर्स ने हैदराबाद के ख़िलाफ़ बाउंड्री पर एक हाथ से कैच पकड़कर सनसनी फैला दी थी. उन्होंने IPL-2018 में 12 मैचों में 480 रन बनाए.
क्विंटन डिकॉक- रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर
क्विंटन डिकॉक ने शुरुआत में काफी धमाकेदार बल्लेबाज़ी की और चेन्नई के ख़िलाफ़ 37 गेंदों में 53 और हैदराबाद के ख़िलाफ़ 34 गेंदों में 45 रन बनाए. इस बीच एक शादी में शामिल होने के लिए डिकॉक को स्वदेश लौटना पड़ा लेकिन इसके बाद वह एक भी मैच नहीं खेले. डिकॉक ने 8 मैचों में 201 रन बनाए, 7 कैच पकड़े और 3 स्टंपिंग की.
जेपी ड्यूमनी-मुंबई इंडियंस
ड्यूमनी के लिए ये सीज़न कुछ ख़ास नही रहा. वह बैट और बॉल दोनों से फ़्लॉप रहे. ड्यूमनी ने छह मैचों में 23 रन बनाए और उन्हें एक भी विकेट नहीं मिला.
फ़ाफ़ डुप्लेसिस- चेन्नई सुपर किंग्स
साउथ अफ़्रीका के कप्तान फ़ाफ़ डुप्लेसिस हालंकि आधे ही मैच खेले लेकिन खेले ख़ूब. उन्होंने अगर क्वालिफ़ायर में 42 गेंदों पर नाबाद 67 रन न बनाए होते तो चेन्नई शायद फ़ाइनल में दिखती ही नहीं. डुप्लेसिस ने 6 मैचों में 162 रन बनाए.
इमरान ताहिर- चेन्नई सुपर किंग्स
इमरान ताहिर का ये सीज़न औसत ही रहा. धोनी ने उनकी जगह हरभजन सिंह और कर्ण शर्मा को तवज्जो दी जिसकी वजह से उन्हें ज़्यादातर मैचों में बाहर बैठना पड़ा. 39 वर्ष के इमरान ने 6 मैचों में 6 विकेट लिए.
लुंगी एनगिडी- चेन्नई सुपर किंग्स
साउथ अफ़्रीका के तेज़ गेंदबाज़ लुंगी एनगिडी ने IPL के दर्शकों को निराश नही किया. 20 साल के एनगिडी को पिता के अचानक देहांत की वजह से बीच में ही स्वदेश लौटना पड़ा था. लौटकर एनगिडी ने किंग्स XI पंजाब के खिलाफ़ सिर्फ़ 10 रन देकर चार विकेट लिए और अपनी टीम को प्लेऑफ़ में पहुंचा दिया. कुल मिलाकर उन्होंने 7 मैचों में 11 विकेट लिए.
डेविड मिलर- किंग्स XI पंजाब
किंग्स XI पंजाब के फ़ैंस को इस साल डेविड मिलर का सही रुप देखने को नहीं मिला. मिलर ज़्यादातर मैचों में बाहर ही बैठे. पंजाब ने उनकी जगह क्रिस गेल, एरॉन फ़िंच और मार्कस स्टोइनिस को तवज्जो दी. उन्होंने तीन मैचों में 74 रन बनाए.
कैमरॉन डेलपोर्ट- कोलकता नाइट राइडर्स
ऑलराउंडर कैमरॉन डेलपोर्ट साउथ अफ़्रीका के एकमात्र ऐसे खिलाड़ी रहे जिन्हें एक भी मैच खेलने को नहीं मिला. कोलकता को प्लेऑफ़ में हैदराबाद ने हराया था.
हेनरिख़ क्लासेन- राजस्थान रॉयल्स
विकेटकीपर-बल्लेबाज़ क्लासेन को स्टीव स्मिथ की जगह ऐनवक़्त में टीम में जगह मिली थी. स्मिथ बॉल पर टेंपरिंग की वजह से प्रतिबंध लग गया था. क्लासेन ने हालंकि सिर्फ़ चार मैच खेले और 57 रन बनाए. बेंगलोर के ख़िलाफ़ उन्होंने 21 गेंदों पर 37 रन बनाए थे. विकेट के पीछे उनका प्रदर्शन बहुत अच्छा रहा. उन्होंने तीन कैच पकड़े और चार स्टंपिंग की.
क्रिस मॉरिस- डेहली डेयरडेविल्स
दिल्ली ने मॉरिस को इस साल रिटेन किया था. 30 साल के मॉरिस ने चार मैचों में तीन विकेट लिए लेकिन फिर उनको चोट लग गई और उन्हें घर लौटना पड़ा.
जूनियर डलाल- डेहली डेयरडेविल्स
मॉरिस की जगह अचानक डलास को बुलाया गया था. 20 साल के डलास को एक ही मैच खेलने को मिला लेकिन वह विकेट नहीं ले सके.