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India Tv Exclusive: ग्रैग चैपल के मुझे हटाने के फैसले में राहुल द्रविड़ का कोई रोल नहीं: सौरव गांगुली

टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली का मानना है कि उन्हें भारतीय क्रिकेट टीम से बाहर करने के ग्रैग चैपल के फैसले में राहुल द्रविड़ की कोई भूमिका नहीं थी।

Reported by: Samip Rajguru
Updated on: December 14, 2018 14:36 IST
सौरव गांगुली- India TV Hindi
सौरव गांगुली

टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली का मानना है कि उन्हें भारतीय क्रिकेट टीम से बाहर करने के ग्रैग चैपल के फैसले में राहुल द्रविड़ की कोई भूमिका नहीं थी। साल 2005 में सौरव गांगुली और ग्रैग चैपल के बीच विवाद बढ़ने के बाद उन्हें कप्तानी से हटा दिया गया था। 

गांगुली ने कहा ''मुझे नहीं लगा कि राहुल द्रविड़ इस फैसले में द्रविड़ की कोई भूमिका है। गांगुली के इस बात खुलासा इंडिया के लोकप्रिय शो क्रिकेट की बात में किया।''

उन्होंने कहा ''इस बात को लेकर मैंने राहुल द्रविड़ से बात की और उसने मुझे वापसी का भरोसा दिलाया। उसने कहा कि मैं टीम इंडिया में वापसी जरूर करूंगा लेकिन एक बात तो साफ थी कि ग्रैग चैपल मेरे खिलाफ थे।

गांगुली को वनडे टीम से नवंबर 2005 में ड्रॉप किया गया था जबकि टेस्ट टीम से जनवरी 2006 में उन्हें बाहर किया गया था। भारत के सबसे कामयाब कप्तान को हटाए जाने के बाद बंगाल में प्रदर्शन हुआ। यहां कि संसद में भी इस मामले की गूंज सुनाई दी।

गांगुली ने कहा ''मुझे नहीं पता कि ग्रैग चैपल की क्या सोच थी। क्या पता चैपल मुझे कप्तानी से हटाकर अपनी खुद की टीम बनाना चाहते थे। यहां कि चैपल ने बाद में सचिन तेंदुलकर के साथ ऐसा ही करने की कोशिश की थी।''

हालांकि इस पूरे विवाद के बावजूद गांगुली ने टीम इंडिया में वापसी की और वो 2007 वर्ल्ड कप टीम में भी शामिल हुए। टीम इंडिया वापसी को लेकर गांगुली ने कहा कि ''मुझे खुद पर भरोसा था। जब आपको पता हो कि करो या मरो वाली स्थिति है वो आप अपना सौ प्रतिशत जोर लगा देते हैं। मुझे ऐसी परिस्थिति का सामना करने का अनुभव था इसलिए मैं वापसी कर पाया, लेकिन अगर मेरी जगह कोई युवा खिलाड़ी होता तो वो मानसिक तौर पर टूट जाता।''

गांगुली की कप्तानी में भारत ने 49 में 21 टेस्ट जीते। भारतीय टेस्ट टीम को मांइड सेट को बदलने और खिलाड़ियों को जीत के लिए प्रेरित करने का श्रेय गांगुली को जाता है। इस पर दादा ने कहा कि खिलाड़ियों के माइंड सेट में बदलाव बहुत जरूरी था। हमारे पास टैलेंट था लेकिन हमें इस बात का भरोसा नहीं था कि हम भारत के बाहर भी टेस्ट मैच जीत सकते हैं। इसके लिए सोच में बदलाव की बहुत जरूरत थी। हमें खिलाड़ियों को बताना था कि अगर आप टीम में अपनी जगह पक्की करना चाहते हैं तो जीतना जरूरी है। जीत -हार खेल का हिस्सा है लेकिन जब आप अच्छा प्रदर्शन करते हैं तो टीम को जीत मिलती है। वीरेंद्र सहवाग, जहीर खान, युवराज सिंह और हरभजन सिंह खिलाड़ी टीम को आगे लेकर गए। हमें माइंड सेट में ये बदलाव करना था कि हमें ड्रॉ के लिए नहीं जीत के लिए खेलना है।''

इसके अलावा गांगुली ने मौजूदा भारतीय टीम की भी जमकर तारीफ की। उन्होंने दक्षिण अफ्रीका को वनडे क्रिकेट में उसी के घर में 5-1 से हराने को बड़ी उपल्बधि बताया। उन्होंने कि अगर कोहली एंड कंपनी साउथ अफ्रीका में जाकर ऐसा प्रदर्शन करती है तो भविष्य में ये टीम और ज्यादा बड़े कारनामे कर सकती है।

गांगुली के मुताबिक इस इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेली जाने वाली सीरीज में भी भारतीय टीम की जीत की दावेदार है लेकिन इसके लिए कप्तान विराट कोहली को अहम रोल निभाना होगा। उन्होंने कहा अगर अगर विराट अच्छा प्रदर्शन करते हैं तो भारतीय टीम जरूर जीतेगी। मुझे विराट बहुत पसंद हैं। बतौर बल्लेबाज और बतौर कप्तान उनमें अपने खेल को लेकर बहुत जुनून है।

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