जिस जीत के लिए धोनी ने आसमान को झुका दिया था। उसी आसमान के तारे अपनों ने ही तोड़ डाले और जब सुनील नारेण मैन ऑफ द से नवाजे जा रहे थे तो हर किसी की निगाहें रवींद्र जडेजा को ढूंढ रही थी क्योंकि जिस तरह से जडेजा ने लगातार 2 गेंदों पर नारेण के 2 कैच छोड़े थे।
वो हर चेन्नई फैंस की निगाहों में चूभ रहे थे... सबसे ज्यादा खुद धोनी की आंखों को दर्द दे रहे थे। रवींद्र जडेजा जबरदस्त फील्डर माने जाते हैं। धोनी के खास लोगों में भी आते हैं लेकिन धोनी को धोखा भी अपनों से मिला।
1.5 ओवर में जडेजा ने नारेण का पहला कैच छोड़ा। जबकि उसी जगह अगली गेंद यानी 1.6 ओवर में जडेजा ने नारेण का दूसरा कैच छोड़ दिया। नारेण उस समय सिर्फ 6 रन पर खेल रहे थे। इसके बाद जब वो आउट हुए तब उनका स्कोर 20 गेंदों पर 32 रन था।
धोनी ने कहा 'जब हमने ये टीम चुनी थी, हमको मालूम था कि किस तरह की फील्डिंग होगी लेकिन बुरा ये लगा कि मैदान पर खिलाड़ी तैयार ही नहीं थे, जो उनके हाथ में है,आपकी गति बहुत नहीं हो सकती है,लेकिन आपको अपनी आंखें कप्तान पर रखनी चाहिए, जब आप धीमी हो,तो आपको ज्यादा मेहनत करनी चाहिए।'
अब जरा समझिए कैसे धोनी की पूरी मेहनत पर पानी फेरा गया। कोलकाता के खिलाफ धोनी ने महज 25 गेंदों पर नाबाद 43 रन जड़े। जिसमें 4 छक्के और 1 चौका शामिल है। आपको बता दे कि सीजन 11 में सबसे ज्यादा सिक्स धोनी के नाम हो गए हैं और सबसे ज्यादा रन बनाने की लिस्ट में वो चौथे नंबर पर पहुंच चुके हैं।
धोनी के जबरदस्त धमाके की वजह से चेन्नई ने लड़ने लायक स्कोर बना दिया था। कोलकाता को 178 रन का टारगेट मिला था लेकिन खराब फील्डिंग और लापरवाह गेंदबाज़ी ने धोनी को मैदान पर धोखा दिया।