वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में टीम इंडिया ऑस्ट्रेलिया के सामने दो दिन के खेल के बाद बैकफुट पर नजर आ रही है। ओवल में खेले जा रहे इस महामुकाबले में जहां पहले दिन गेंदबाजों ने निराश किया तो दूसरे दिन घर में शानदार प्रदर्शन करने वाले भारतीय धुरंधर लंदन के इस मैदान पर ढेर हो गए। खेल के दूसरे दिन भारतीय गेंदबाजों ने वापसी जरूर कि लेकिन एक बार फिर टेल के द्वारा बनाए गए रनों को रोकने में गेंदबाज नाकामयाब रहे। एक समय जो ऑस्ट्रेलिया का स्कोर 425 तक जाता दिख रहा था, उसे पैट कमिंस और एलेक्स कैरी ने 469 तक पहुंचा दिया। जवाब में भारतीय टीम ने दिन के अंत तक 151 रन पर ही पांच विकेट गंवा दिए थे।
अब सवाल यह उठता है कि आखिर वो क्या बड़ी गलतियां रहीं जिस कारण टीम इंडिया बैकफुट पर आ गई है। उन सभी गलतियों पर एक-एक करके गौर करेंगे। भारतीय टॉप ऑर्डर 71 रनों पर ही वापस पवेलियन लौट गया था। उसके बाद शुक्र है रवींद्र जडेजा की 48 रनों की पारी का जिन्होंने अजिंक्य रहाणे के साथ मिलकर 71 रन जोड़े। जब यह साझेदारी शानदार लग रही थी तभी नाथन लायन ने उन्हें स्लिप पर कैच आउट करवा कर भारत को पांचवां और बड़ा झटका दिया। दिन के अंत तक केएस भरत 5 और अजिंक्य रहाणे 29 रन बनाकर क्रीज पर मौजूद थे। आइए अब जानते हैं वो क्या गलतियां रहीं जिस कारण टीम का यह हाल हुआ:-
पिच को पढ़ने में गलती
सबसे बड़ा कारण रहा कि भारतीय टीम के कोच और कप्तान पिच को शायद सही से पढ़ने में नाकामयाब रहे। उसी से जुड़े सभी कारण हैं। जिस पिच पर पहले दिन और दूसरे दिन भी भारतीय गेंदबाजों ने रन लुटाए। वहीं ऑस्ट्रेलियाई पेसर्स आग बनकर बरसे। ऐसा ही पिछले WTC फाइनल में भी हुआ था।
टीम कॉम्बिनेशन
जब टीम के कप्तान और कोच ने पिच को रीड करने में गलती कि तो टीम कॉम्बिनेशन में भी छेड़छाड़ हो गई। दुनिया के नंबर एक और भारत के सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले मौजूदा गेंदबाज रविचंद्रन अश्विन को इस खिताबी मुकाबले में नहीं खिलाया गया। वहीं नाथन लायन ने टीम इंडिया को रवींद्र जडेजा के रूप में बड़ा झटका दिया और उनकी गेंदबाजी में टर्न भी दिखा।
उमेश यादव की गेंदबाजी
उमेश यादव ने पूरी पहली पारी के दौरान निराश किया। कुछ स्पेल उनके अच्छे रहे लेकिन स्थिरता की कमी पूरी तरह से नजर आई। ऐसे में टीम इंडिया का चौथे पेसर का विकल्प पूरी तरह पहली पारी में फ्लॉप नजर आया। वहीं ऑस्ट्रेलिया के लिए कैमरन ग्रीन ने शुरुआत में ही पुजारा को क्लीन बोल्ड कर बड़ी सफलता हासिल की।
टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी
टेस्ट मैच में अक्सर कहा जाता है कि टीमें चौथी पारी में खेलने से बचती हैं। भारत का इंग्लैंड में टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का टेस्ट में रिकॉर्ड भी खराब है। इससे पहले 38 में से 20 बार टीम हारी है और सिर्फ तीन बार जीत मिली है। फिर भी कप्तान रोहित शर्मा ने इस बड़े मुकाबले में पहले गेंदबाजी चुनी।
बल्लेबाजों की पुरानी गलतियां
टीम इंडिया के बल्लेबाज पिछले कुछ सालों में पाटा पिचों पर ही रन बनाते दिखे हैं। कुछ महीनों पहले बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में अपने घर पर भी टर्निंग ट्रैक्स पर टीम इंडिया के बल्लेबाज ढेर हो रहे थे। आखिरी टेस्ट में जब अहमदाबाद में बल्लेबाजी के अनुकूल पिच मिली तो वहां सभी ने रन बनाए। इसके अलावा क्वालिटी पेस अटैक के सामने काफी समय से भारतीय बल्लेबाजों का फ्लॉप शो जारी है। फिर चाहें वो कोहली हो, रोहित हो, पुजारा हो या उभरते हुए कथित स्टार शुभमन गिल। सभी ने जिस तरह निराश किया यह कहना गलत नहीं होगा कि यह खिलाड़ी शायद घर के और पाटा पिचों के ही शेर बनकर रहे गए हैं।