भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 7 जून से 11 जून तक लंदन के केनिंग्टन ओवल में महामुकाबला खेलने उतरेगी। यह मुकाबला होगा वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के दूसरे संस्करण के फाइनल का। इस मुकाबले में रोहित शर्मा की अगुआई वाली टीम इंडिया का सामना होगा पैट कमिंस की अगुआई वाली ऑस्ट्रेलियाई टीम से। भारतीय टीम का इस चैंपियनशिप में यह लगातार दूसरा फाइनल है। पहले संस्करण में न्यूजीलैंड ने भारत को फाइनल में हराकर खिताब अपने नाम किया था। उस वक्त टीम के कप्तान थे विराट कोहली, लेकिन इस बार बागडोर है रोहित के हाथों में। वहीं अगर ओवल के रिकॉर्ड की बात करें तो यहां सिर्फ दो भारतीय कप्तान ही जीत दर्ज कर पाए हैं।
ऐसे में रोहित शर्मा के सामने ओवल में ऑस्ट्रेलिया को हराना एक अग्निपरीक्षा होने वाली है। हालांकि, इस मैदान पर भारतीय टीम ने अभी तक सिर्फ इंग्लैंड का ही सामना किया है। पहली बार इस मैदान पर इंग्लैंड के अलावा किसी अन्य टीम से भारतीय टीम भिड़ने वाली है। खास बात यह है कि हाल ही में बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में भी टीम इंडिया कंगारू टीम को मात देकर आई है। लेकिन वो भारतीय कंडीशन्स थीं लेकिन यह मुकाबला होना है इंग्लिश कंडीशन्स में जहां ऑस्ट्रेलियाई पेसर्स से भारतीय टीम को सावधान रहना होगा। मिचेल स्टार्क, जोश हेजलवुड, पैट कमिंस, स्कॉट बोलैंड जैसे एक से बढ़कर एक तेज गेंदबाज इस टीम में शामिल हैं। ऐसे में टीम इंडिया की यह परीक्षा आसान नहीं होगी।
ओवल में 87 साल में सिर्फ दो भारतीय कप्तान विजयी
अगर लंदन के ओवल मैदान में टीम इंडिया के रिकॉर्ड की बात करें तो टीम ने यहां 1936 में पहला टेस्ट मैच खेला था। उसके बाद से अभी तक भारत ने यहां 14 टेस्ट मैच खेले हैं। जिसमें से 7 ड्रॉ हुए हैं और पांच में टीम को हार मिली है। इसके अलावा दो मैच भारतीय टीम ने यहां जीते हैं लेकिन पांच हार के आगे दो जीत दर्शाती हैं कि इस मैदान पर खेलने का इतिहास टीम इंडिया के लिए कुछ खास नहीं रहा है। 1971 में अजीत वाडेकर की कप्तानी में टीम ने यहां पहली बार जीत दर्ज करते हुए इंग्लैंड को 4 विकेट से हराया था। इसके बाद साल 2021 में विराट कोहली की कप्तानी में टीम ने इंग्लैंड को 157 रनों से हराकर शानदार जीत दर्ज की थी। वाडेकर और कोहली के बाद अब रोहित शर्मा के पास मौका है इस मैदान पर इतिहास रचने का।
भारत ने आखिरी बार साल 2021 में यहां टेस्ट मैच खेला था और उस मैच में टीम ने विराट कोहली की कप्तानी और रवि शास्त्री की कोचिंग में शानदार जीत दर्ज की थी। यह वही सीरीज थी जिसका अंतिम टेस्ट मैच कोरोना के कारण खेला नहीं जा सका था। भारत इस सीरीज में 2-1 से आगे था। टीम ने इस सीरीज में दो शानदार मुकाबले जीते थे उनमें से एक थी ओवल में मिलने वाली 157 रनों की जीत। इस मैच में तत्कालीन उपकप्तान रोहित शर्मा ने शतक जड़ा था। वहीं उमेश यादव, मोहम्मद सिराज, जसप्रीत बुमराह, शार्दुल ठाकुर के पेस अटैक ने विरोधी बल्लेबाजों को नेस्तनाबूद कर दिया था। हालांकि, इस बार बुमराह नहीं हैं लेकिन शमी इस बार पेस अटैक की अगुआई करेंगे जो शानदार लय में हैं।