भारतीय क्रिकेट टीम ने साल 2013 में एमएस धोनी की कप्तानी में चैंपियंस ट्रॉफी जीतने के बाद से कोई भी आईसीसी ट्रॉफी नहीं जीती है। जबकि चौथी बार पिछले 10 साल में भारतीय टीम किसी आईसीसी टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंची है। लेकिन एक बार फिर से यह इंतजार पूरा होता नजर नहीं आ रहा है। हालांकि, यह क्रिकेट अनिश्चितताओं का खेल है कभी भी कुछ भी हो सकता है, पर जिस तरह से पहले दो दिन टीम इंडिया ने खेला उस हिसाब से ऑस्ट्रेलिया काफी मजबूत स्थिति में है। इसको लेकर अब सोशल मीडिया पर भी फैंस का गुस्सा देखने को मिल रहा है। ज्यादातर लोग टीम इंडिया के इस प्रदर्शन के लिए आईपीएल को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।
फिर ठहराएं भी क्यों ना अचानक भारत की पाटा पिचों पर टी20 क्रिकेट खेलने के 10 दिन बाद खिलाड़ी टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल जो खेलने आ गए। इससे साफ नजर आता है कि आईपीएल एफटीपी बोर्ड के लिए किसी भी आईसीसी टूर्नामेंट से ज्यादा जरूरी हो गया है। फिर चाहें वनडे वर्ल्ड कप को शिफ्ट करना ही क्यों ना हो? पिछले सालों में वर्ल्ड कप अक्सर मार्च से मई के बीच में होता था। पर अब अगर यह कहें कि आईपीएल है तो मुमकिन है यह गलत नहीं होगा। इस आईपीएल के कारण वर्ल्ड कप जैसे मेगा इवेंट को भी अक्टूबर-नवंबर में शिफ्ट कर दिया गया। फिलहाल यह हम नहीं कहे रहे यह सब सोशल मीडिया पर फैंस का कहना है। हम बस उन मायूस, उदास और निराश फैंस की आवाज को उठा रहे हैं। वहीं शायद खिलाड़ियों पर इसका फर्क भी नहीं पड़ता। इसको लेकर भी सोशल मीडिया पर काफी सवाल उठ रहे हैं।
विराट कोहली, शुभमन गिल जमकर हुए ट्रोल
आईपीएल में अपनी बहादुरी दिखाते हुए शुभमन गिल ने जहां तीन शतक लगाए थे, वहीं विराट कोहली ने भी बैक टू बैक दो सेंचुरी ठोक दी थीं। हर किसी को उम्मीद थी कि यह भारतीय जांबाज ऑस्ट्रेलिया की हालत खराब कर देंगे। पर हुआ उल्टा यह स्टार जिनको भारत में काफी जल्दी स्टारडम मिलता है वह ओवल की पिच पर फुस्स हो गए। ऐसा सिर्फ इस बार नहीं हुआ बल्कि पिछले सालों में कई बार हुआ है। सिर्फ ओवल नहीं अपने घर पर भी ऐसा हुआ है। हाल ही में बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी उठा लीजिए। अहमदाबाद टेस्ट जहां पटरा पिच थी उसके अलावा कहीं भी भारतीय बल्लेबाजों का कैसा प्रदर्शन था। दिग्गजों से भरी इस टीम ने हमेशा पिछले कुछ सालों में निराश किया है।
निराश फैंस, बेफिक्र खिलाड़ी...
आखिर कब तक यह कहकर बचा जा सकता कि खिलाड़ी हैं, बुरे दिन आते हैं लेकिन आईसीसी इवेंट में लगातार बुरे दिन और घरेलू सीरीज में जीत पर जीत यह दिखाता है, खामियां कहीं ना कहीं सिस्टम में हैं! खिलाड़ियों की मानसिकता में हैं, या फिर उनकी प्राथमिकताएं अब शायद बदल गई हैं! जिस शिद्दत से खिलाड़ी आईपीएल में खेलते हैं वो जुनून शायद अब इंटरनेशनल क्रिकेट में कम दिखता है। उसका नजारा सोशल मीडिया पर गुरुवार को दिखा जब विराट कोहली और शुभमन गिल जैसे स्टार खिलाड़ी टीम इंडिया को मझधार में डालकर ड्रेसिंग रूम में चिल करते दिखे। इसकी तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही और फैंस जमकर लताड़ लगा रहे हैं। फैंस जहां निराश हैं, मायूस हैं वहीं खिलाड़ी एकदम बेफिक्र नजर आ रहे हैं।
यह वही फैंस हैं जो शानदार प्रदर्शन करने पर सर आंखों पर भी बैठाते हैं लेकिन जब बुरा प्रदर्शन और इस तरह का रवैया दिखाया जाएगा तो कोई कैसे चुप रहेगा? कब तक यह कहकर बचाया जाएगा खिलाड़ी इंसान हैं, उनकी लाइफ है लेकिन देश भी तो है, अगर कोई सैनिक बॉर्डर पर शहादत देता है या कहीं युद्ध चल रहा होता है और साथी शहीद हो रहे होते हैं तो क्या कोई किनारे बैठकर हंसता खिलखिलाता है, बेफिक्र रवैया दिखाता है। आप अगर प्रोफेशनल कहते हैं खुद को तो कम से कम प्रोफेशनल एटीट्यूड रखना अनिवार्य है। फिलहाल टीम इंडिया के प्रदर्शन को देख साफ लग रहा था कि टीम टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल के लिए पूरी तरह तैयार ही नहीं थी। होती भी कैसे 10 दिन पहले तो खिलाड़ी आईपीएल यानी टी20 लीग खेलकर आए हैं।
IPL बना ICC ट्रॉफी का बैरियर?
सोशल मीडिया पर फैंस लगातार आईपीएल पर गुस्सा निकाल रहे हैं। फैंस का मानना है कि आईपीएल के कारण ही टीम इंडिया पिछले कई सालों से आईसीसी टूर्नामेंट नहीं जीत पा रही है। टीम ने आखिरी आईसीसी खिताब 2013 में जीता था और आईपीएल की शुरुआत साल 2008 से हुई थी। यानी उस समय तक भी आईपीएल के 6 सीजन हो चुके थे। पर कुछ लोग कहेंगे कि उस वक्त एमएस धोनी कप्तान थे। बिल्कुल सही है लेकिन धोनी 2019 वर्ल्ड कप तक टीम के साथ थे। उसके बाद ऐसा क्या हुआ जो यह सवाल उठने लगे। इसका जहां तब सबसे बड़ा कारण जो दिखता है वो खिलाड़ियों का आईपीएल की तरफ झुकाव बल्कि इंटरनेशनल क्रिकेट या नेशनल टीम या अपने देश के लिए शायद कम होता प्यार।
पिछले कुछ समय से दुनियाभर में कई ऐसे क्रिकेटर ट्रेंट बोल्ट, हाल ही में इंग्लैंड के जेसन रॉय, वेस्टइंडीज के एक से बढ़कर एक स्टार ब्रावो, पोलार्ड, गेल, रसेल, सुनील नरेन सभी ने नेशनल टीम को छोड़ दिया सिर्फ फ्रेंचाइजी क्रिकेट के लिए। हालांकि, भारतीय खिलाड़ियों के बीच अभी ऐसा नहीं है लेकिन भविष्य किसने देखा। कब क्या हो? कुछ सालों में कई भारतीय खिलाड़ियों पर भी सवाल उठे कि वह नेशनल टीम के लिए अनफिट रहते हैं, आराम चाहिए रहता है लेकिन आईपीएल लगातार दो महीने खेलते हैं। आईपीएल में जान झोकते हैं लेकिन देश की टीम के लिए उनका प्रदर्शन जीरो रहता है। केएल राहुल इसका साफ उदाहरण हो सकते हैं। अब यह सवाल तो उठ रहे हैं और सवाल उठते रहते हैं। शायद इसका भी खिलाड़ियों या टीम मैनेजमेंट पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। लेकिन आखिर कब तक देश में ऐसा चलेगा। फैंस निराश होते रहेंगे, एक के बाद एक आईसीसी ट्रॉफी जीतने का हम मौका गंवाते रहेंगे। इसका जवाब बीसीसीआई के अलावा शायद किसी के पास नहीं है।