भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) की शीर्ष परिषद (Apex Council) की बैठक 23 अप्रैल को होगी। इस बैठक में समिति भारतीय विकेटकीपर ऋद्धिमान साहा से जुड़ी जांच समिति की रिपोर्ट की समीक्षा करेगी। गौरतलब है कि साहा ने पत्रकार बोरिया मजूमदार पर डराने-धमकाने का आरोप लगाया था। बीसीसीआई ने इस मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित की थी जिसमें उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला, कोषाध्यक्ष अरुण धूमल और शीर्ष परिषद के सदस्य प्रभतेज भाटिया शामिल थे। आगामी बैठक में इस मामले पर कोई फैसला लिया जा सकता है।
साथ ही भारतीय टीम से बाहर चल रहे 37 वर्षीय ऋद्धिमान साहा द्वारा बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली और हेड कोच राहुल द्रविड़ से हुई बातचीत को सार्वजनिक करने के मामले पर भी निर्णय लिया जा सकता है। हालांकि, बोर्ड इस मामले पर पहले ही विकेटकीपर बल्लेबाज को नोटिस दे चुका था। वहीं पत्रकार विवाद में साहा पिछले महीने समिति के सामने पेश हुए थे। पत्रकार मजमूदार भी समिति के सामने पेश हुए थे। साहा ने आरोप लगाया था कि मजमूदार ने साक्षात्कार नहीं देने पर उन्हें धमकाया था। बीसीसीआई को उम्मीद है कि यह मसला शीर्ष परिषद की बैठक में ही समाप्त हो जाएगा।
क्या था पूरा मामला?
आपको बता दें कि साहा ने 23 फरवरी को कई ट्वीट किए थे जिसमें उन्होंने एक पत्रकार पर इंटरव्यू के लिए जबरदस्ती करने के आरोप लगाए थे। उन्होंने इस ट्वीटर में उस पत्रकार के टेक्स्ट मैसेज के स्क्रीनशॉट शेयर किए थे। वह पत्रकार मजूमदार थे। हालांकि, भारतीय विकेटकीपर ने तुरंत नाम का खुलासा नहीं किया था। बीसीसीआई की समिति से पूछताछ के बाद उन्होंने नाम बताया था। इसके बाद मजूमदार ने खुद वीडियो जारी किया और साहा द्वारा लगाए गए आरोपों के खिलाफ मानहानी की कार्रवाई की बात कही थी।
यह मामला शुरू हुआ था उस वक्त से जब फरवरी में श्रीलंका के खिलाफ टेस्ट सीरीज के लिए भारतीय टीम का चयन हुआ था। साहा को टीम में नहीं लेने के बाद उन्होंने बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली और हेड कोच राहुल द्रविड़ के साथ हुई बातचीत को सार्वजनिक किया था। इस दौरान उन्होंने दोनों दिग्गजों द्वारा दिए गए आश्वासन को पूरा नहीं करने की बात कहते हुए टीम में नहीं चुने जाने पर निराशा व्यक्त की थी। बोर्ड ने उनके इस रवैये पर उन्हें नोटिस भी भेजा था। इसी के बाद पत्रकार विवाद ने तूल पकड़ लिया।
पीटीआई के अनुसार बैठक के एजेंडा में, ‘‘ऋद्धिमान साहा से जुड़े मसले पर समिति की रिपोर्ट की समीक्षा’’ विषय शामिल है। बीसीसीआई की आगामी एपेक्स काउंसिल की बैठक के सात सूत्रीय एजेंडा में बहु दिनी टूर्नामेंटों का मेजबानी शुल्क और भागीदारी शुल्क से जुड़ा मुद्दा भी शामिल है। बैठक में रणजी ट्रॉफी के नॉकआउट चरण के मैच स्थलों को भी अंतिम रूप दिए जाने की संभावना है। नॉकआउट चरण के मैच इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के बाद 30 मई से 26 जून के बीच खेले जाएंगे। रणजी ट्राफी के लीग चरण के मैच फरवरी-मार्च में आयोजित किए गए थे।