WPL 2023: भारत में पहली बार महिला प्रीमियर लीग का आईपीएल की तर्ज पर आयोजन किया जा रहा है। लीग के पहले सीजन में पांच टीमों ने प्रतिभाग किया है। इसमें से तीन टीमें पुरुष आईपीएल फ्रेंचाइजी मुंबई इंडियंस, दिल्ली कैपिटल्स और आरसीबी की हैं। वहीं दो अन्य टीमे हैं यूपी वॉरियर्स और गुजरात जायंट्स। गुजरात की टीम अडानी स्पोर्ट्सलाइन द्वारा खरीदा गया था। लीग के पहले सीजन में ही टीम के साथ अब एक बड़ा विवाद जुड़ गया है। फ्रेंचाइजी ने ऑक्शन में वेस्टइंडीज की क्रिकेटर डियांड्रा डॉटिन को खरीदा था लेकिन लीग में बिना खेले उन्हें बाहर करने की जानकारी सामने आई थी। अब डॉटिन ने इस मामले पर एक लंबा-चौड़ा बयान जारी करते हुए आरोप लगाए हैं।
आपको बता दें कि डियांड्रा डॉटिन को गुजरात जायंट्स ने 60 लाख रुपए खर्च करते हुए अपने स्क्वॉड में शामिल किया था। लेकिन सीजन का पहला मैच होने से पहले ही फ्रेंचाइजी ने मेडिकल क्लीयरेंस नहीं मिलने की बात बोलते हुए उन्हें रिप्लेस कर दिया। डॉटिन की जगह फ्रेंचाइजी ने ऑस्ट्रेलिया की किम गार्थ को स्क्वॉड में शामिल किया था। फ्रेंचाइजी ने डॉटिन को लेकर दो बार बयान जारी किए थे। पहले उन्होंने डियांड्रा की फिटनेस का हवाला दिया था। उसके बाद दूसरे बयान में मेडिकल क्लीयरेंस का जिक्र करते हुए उन्हें रिप्लेस करने की बात कही गई थी। इस पूरे मामले पर अब कैरेबियाई क्रिकेटर ने 56 लाइन का स्टेटमेंट जारी करते हुए सबकुछ साफ कर दिया है।
डियांड्रा डॉटिन ने खोला पूरा राज
डियांड्रा डॉटिन ने बताया कि उन्हें कमर के नीचे के हिस्से में दर्द और सूजन की शिकायत दिसंबर 2022 से थी। जिसके इलाज के बाद 13 फरवरी तक उन्हें रेस्ट करने की सलाह दी गई थी। इसके बाद 14 फरवरी 2023 से उन्होंने दोबारा ट्रेनिंग शुरू की। इसी दौरान महिला प्रीमियर लीग का ऑक्शन भी 13 फरवरी को संपन्न हो चुका था और डॉटिन को गुजरात जायंट्स ने खरीदा था। फिर ट्रेनिंग शुरू करने के बाद डॉटिन ने गुजरात जायंट्स के फीजियो को अपने बारे में जानकारी दी। लेकिन फीजियो ने इस जानकारी को गलत तरह से पेश करते हुए बताया कि डॉटिन पूरी तरह फिट नहीं हैं और उन्हें दर्द व सूजन की शिकायत है। यहां से शुरू हुआ मेल वॉर।
तीन दिन में आए तीन मेल...
इसके बाद डॉटिन ने अपने स्टेटमेंट में बताया कि, उन्हें 25, 26 और 27 फरवरी तक तीन मेल भेजे गए। फ्रेंचाइजी की गाइडलाइन के मुताबिक 20 फरवरी तक मेडिकल क्लीयरेंस चाहिए था। डॉटिन फिट थीं और उनके पास कनाडा में जिन सर्जन ने उनका इलाज किया उनकी रिपोर्ट थी। लेकिन फिर भी उनसे क्लीयरेंस मांगा गया। ऐसा तब हो रहा था जब वह फिट थीं और कनाडा के डॉक्टर की रिपोर्ट थी। पर फीजियो द्वारा दी गई गलत जानकारी के कारण ही इतना विवाद बढ़ा। इसे लेकर उन्होंने पूरा राज खोल दिया है। आगे उन्होंने बताया कि उनके पास लगातार तीन दिनों में तीन मेल आए।
25 फरवरी को उनके पास मेल आता है और 26 तक क्लीयरेंस देने की बात कही जाती है। इसके बाद 26 को फिर मेल आता है और उनसे सीनियर मैनेजर के हवाले से कहा जाता है कि वह टीम की अहम खिलाड़ी हैं तो 1 मार्च तक रिपोर्ट जमा कर दें। इसके बाद 27 फरवरी को फिर अडानी स्पोर्ट्सलाइन के हेड की तरफ से मेल आता है कि, उनका कोई भी क्लीयरेंस जमा नहीं होने के कारण उनको रिप्लेस कर दिया जाएगा। फिर 5 मार्च को फ्रेंचाइजी द्वारा जारी दूसरे स्टेटमेंट में मेडिकल क्लीयरेंस नहीं मिलने पर डॉटिन को रिप्लेस करने की जानकारी दी जाती है।
इस पूरे मामले पर फिलहाल फ्रेंचाइजी की ओर से कोई बयान नहीं आया है। फ्रेंचाइजी के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल पर डियांड्रा से जुड़ा एक ही पोस्ट 5 मार्च का है जिसमें कहा गया था कि, मेडकिल क्लीयरेंस की डेडलाइन पूरी होने के कारण वह नहीं खेल पाएंगी। मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर अगले सीजन में वह टीम के स्क्वॉड का हिस्सा रहेंगी। गुजरात जायंट्स की टीम को कप्तान बेथ मूनी के रूप में भी झटका लगा था और वह भी पूरी लीग से बाहर हो गई थीं। टीम की हालत सही नहीं है और 7 में से 5 मैच हारकर पॉइंट्स टेबल में आखिरी पायदान पर है। नॉकआउट की उम्मीदें लगभग खत्म हैं और आखिरी लीग में टीम अगर चमत्कारी जीत दर्ज भी कर लेती है तो उसके यूपी और बैंगलोर की हार की कामना करनी होगी।