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वसीम अकरम ने खोला बड़ा राज, इस खिलाड़ी को बताया अपने करियर का मसीहा

वसीम अकरम के नाम इंटरनेशनल क्रिकेट में कुल 916 विकेट दर्ज हैं। 1992 वर्ल्ड कप में पाकिस्तान को चैंपियन बनाने में उनका अहम योगदान रहा था।

Written By: Priyam Sinha @PriyamSinha4
Published on: November 27, 2022 17:01 IST
वसीम अकरम- India TV Hindi
Image Source : TWITTER, GETTY IMAGES वसीम अकरम

पाकिस्तान के दिग्गज तेज गेंदबाज और पूर्व कप्तान वसीम अकरम ने अपने करियर को लेकर एक बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने तकरीबन चार दशक पुराने एक राज को बताते हुए अपने ही देश के एक और दिग्गज खिलाड़ी को अपने करियर का मसीहा बताया है। दरअसल अकरम का मानना है कि 1985 में पाकिस्तान क्रिकेट टीम के तत्कालीन कप्तान जावेद मियांदाद ने चयनकर्ताओं से उनके नाम की प्रशंसा की थी। यही कारण है कि कुछ ही दिनों बाद उन्हें पाकिस्तान के लिए डेब्यू करने का मौका मिला। अब सवाल यह है कि मियांदाद ने ऐसा क्यों किया?

दोनों की मुलाकात लाहौर के गद्दाफी स्टेडियम में एक नेट सेशन के दौरान हुई थी। वसीम अकरम उस वक्त 18 साल की उम्र में एक अनजान क्लब के क्रिकेटर थे। उसी वक्त उन्हें पहली बार लाहौर में एक ट्रायल में मियांदाद ने देखा था। उस वक्त वहां मौजूद 60 अन्य स्थानीय गेंदबाजों में से अकरम को पाकिस्तान के तत्कालीन कप्तान मियांदाद ने गेंदबाजी करने का मौका दिया गया। उस वक्त मियांदाद चोट से उबरने के बाद नेट सत्र के लिए गद्दाफी स्टेडियम में मौजूद थे। वहीं से अकरम ने उन्हें प्रभावित किया।

अकरम से प्रभावित हुए मियांदाद

वसीम अकरम की गेंद को स्विंग करने की क्षमता और तेज गति ने मियांदाद का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया। इसके कुछ ही हफ्तों बाद, 1985 में पाकिस्तान के न्यूजीलैंड दौरे पर उन्हें इंटरनेशनल क्रिकेट में डेब्यू कराया गया। यहीं से पाकिस्तान में एक दिग्गज खिलाड़ी के बनने और उनके शानदार अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरूआत हुई। दिस इज योर जर्नी नामक कार्यक्रम में वसीम अकरम ने इस बात का जिक्र किया और कहा, 'मुझे एहसास हुआ कि जब लाहौर में जावेद ने मुझे पहली बार देखा तो तभी मुझे पहचाना। उन्होंने मुख्य चयनकर्ताओं में से एक के सामने मेरी प्रशंसा की। मैंने सोचा कि कुछ हो सकता है अगर मैं ध्यान केंद्रित करूं।" तकरीबन दो साल पहले भी एक ट्वीट में अकरम ने इसी बात को लिखा था।

वसीम अकरम के आंकड़ें बनाते हैं उन्हें दिग्गज क्रिकेटर

वसीम अकरम ने उसके बाद कभी मुड़कर नहीं देखा और उसके गवाह उनके आंकड़े हैं। अकरम ने 356 वनडे मैचों में 23.52 की औसत से 502 विकेट लिए और 1992 क्रिकेट विश्व कप फाइनल में इंग्लैंड के खिलाफ मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड में पाकिस्तान को जीत दिलाई। उन्होंने 104 टेस्ट में 23.62 की औसत से 414 विकेट अपने नाम किए और पाकिस्तान की कप्तानी भी की। मियांदाद द्वारा प्रशंसा किए जाने के बाद अकरम जैसा चमकता हीरा पाकिस्तान क्रिकेट को मिला। उनका मानना है कि, अगर चीजें इस तरह से नहीं होती तो वह शायद क्रिकेट में नहीं आ पाते।

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