भारतीय टीम 12 जुलाई से वेस्टइंडीज दौरे का आगाज करेगी। इस दौरे की शुरुआत टेस्ट सीरीज से होगी। दो मुकाबले 12 से 24 जुलाई तक खेले जाएंगे। टीम इंडिया पहला टेस्ट मैच डोमिनिका में खेलेगी। उसके बाद दूसरा टेस्ट मैच 20 से 24 जुलाई तक त्रिनिदाद में खेला जाएगा। इस सीरीज के साथ भारतीय क्रिकेट टीम वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के तीसरे संस्करण का भी अपना अभियान शुरू करेगी। गौरतलब है कि हाल ही में लगातार दूसरी बार फाइनल में टीम इंडिया को हार झेलनी पड़ी थी।
आगामी सीरीज से पहले भारतीय टीम के दो स्तंभ कप्तान रोहित शर्मा और पूर्व कप्तान विराट कोहली का नाम चर्चा में है। यहां पर एक के आंकड़े बेहद शानदार हैं तो दूसरे के बेहद खराब। विराट कोहली ने 2011 में अपना पहला टेस्ट वेस्टइंडीज की सरजमीं पर खेला था। वहीं रोहित शर्मा पहली बार 2013 में कैरेबियन लैंड पर सफेद जर्सी में नजर आए थे। कोहली का रिकॉर्ड यहां बेहद शानदार है। वहीं कप्तान रोहित ने यहां सिर्फ दो मैच ही खेले हैं लेकिन उनका रिकॉर्ड बेहद खराब रहा है। आगामी सीरीज में इन दोनों खिलाड़ियों पर सभी की नजरें होने वाली हैं।
वेस्टइंडीज में विराट कोहली का टेस्ट रिकॉर्ड
विराट कोहली ने वेस्टइंडीज में कुल 9 टेस्ट मैच खेले हैं और उन्होंने इस दौरान 35.61 की औसत से रन बनाए हैं। उनका बेस्ट स्कोर कैरेबियाई सरजमीं पर 200 रन का है। उन्होंने 13 पारियों में यहां 463 रन बनाए हैं जिसमें एक शतक और दो अर्धशतक शामिल हैं। उन्होंने 2016 में यहां यादगार दोहरा शतक जड़ा था। उस वक्त वह कप्तान भी थे। आखिरी बार यहां 2019 में वह जब खेले थे तो वह कप्तान थे। उस सीरीज में उन्होंने एक 51 और एक 76 रन की पारी खेली थी। उसके अलावा वह दो पारियों में से एक में डक पर आउट हुए थे तो एक में सिर्फ 9 रन बना पाए थे।
कैरेबियन लैंड पर रोहित शर्मा के आंकड़े (टेस्ट में)
रोहित शर्मा ने यहां सिर्फ दो टेस्ट मैच खेले हैं। उन्होंने 2016 में दोनों मैच खेले थे। उसके बाद 2019 के दौरे पर वह टीम का हिस्सा नहीं थे। उन्होंने यहां दो मैचों की दो पारियों में महज 50 रन बनाए हैं। उनके नाम एक अर्धशतक तक नहीं दर्ज है। हालांकि, भारत में उन्होंने वेस्टइंडीज के खिलाफ 2013 में अपने पहले और दूसरे टेस्ट में ही शानदार 177 और 111 नाबाद की पारियां खेली थीं। लेकिन उसके अलावा वेस्टइंडीज के खिलाफ वह सिर्फ दो टेस्ट मैचों में ही टीम का हिस्सा थे। 2016 दौरे पर ग्रॉस आइलेट के एक मैच में उन्होंने 41 और 9 रनों की पारियां खेली थीं। पोर्ट ऑफ स्पेन में उनको बल्लेबाजी का मौका नहीं मिला था। यह मैच हालांकि पूरा नहीं हो पाया था और बारिश के कारण ड्रॉ हो गया था।
हाल ही में ओवल में खेले गए वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल मुकाबले में दोनों के फॉर्म पर कई सवाल उठे थे। खासतौर से रोहित की कप्तानी भी सवालों के घेरे में आ गई थी। ऐसे में यहां दोनों के पास खुद को साबित करने का आखिरी मौका भी हो सकता है। जिस तरह से चेतेश्वर पुजारा को बाहर किया गया है यह देखकर यह कहना गलत नहीं होगा कि मैनेजमेंट अब आने वाले समय में नई टीम बनाने की ओर रुख कर सकती है।