भारतीय टीम के दिग्गज खिलाड़ी विराट कोहली से सभी फैंस को पुणे टेस्ट मैच के दूसरे दिन बल्ले से एक बड़ी पारी की उम्मीद थी, लेकिन वह सिर्फ एक रन बनाकर पवेलियन लौट गए। पुणे की पिच पहले दिन से स्पिन गेंदबाजों को काफी मदद कर रही है, ऐसे में यहां पर भले ही बल्लेबाजों के लिए खेलना आसान ना हो लेकिन इसके बावजूद सही तकनीक से उनका सामना किया जा सकता है। कोहली जिन्होंने बेंगलुरु टेस्ट मैच में टीम इंडिया की दूसरी पारी में बल्ले से 70 रनों की पारी खेली थी वह पुणे टेस्ट मैच में कमाल दिखाने में कामयाब नहीं हो सके। कोहली का पिछले कुछ सालों में बाएं हाथ के स्पिन गेंदबाजों के खिलाफ रिकॉर्ड काफी खराब देखने को मिला है, जिससे साफ पता चल रहा है कि ये कोहली के लिए इस समस्या को सुलझाना किसी अबूझ पहेली से कम साबित नहीं हो रहा है।
पिछले तीन सालों में कुछ इस तरह से कोहली कर रहे संघर्ष
विराट कोहली ने साल 2012 से लेकर 2020 तक घर पर खेले गए टेस्ट मैचों की 36 पारियों में बाएं हाथ के स्पिन गेंदबाजों के खिलाफ 619 रन बनाए और उसमें से सिर्फ 5 बार ही आउट हुए। कोहली का इस दौरान बल्ले से औसत 123.8 का था। वहीं साल 2021 के बाद से विराट कोहली का घर पर खेले गए टेस्ट मैचों में बाएं हाथ के स्पिन गेंदबाजों के खिलाफ 21 पारियों में औसत 28.78 का रह गया है, जिसमें वह 9 बार अपना विकेट गंवा चुके हैं। कोहली का साल 2021 के बाद से घर पर स्पिन गेंदबाजों के खिलाफ रिकॉर्ड देखा जाए तो वह भी काफी खराब ही देखने को मिला है। कोहली के आंकड़े देख इस बात का साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि उनके लिए स्पिनर्स का सामना करना काफी कड़ी चुनौती साबित हुई है।
22 पारियों में से 19 बार स्पिनर के खिलाफ आउट हुए कोहली
विराट कोहली साल 2012 से 2021 तक घर पर खेले गए टेस्ट मैच की 54 पारियों में स्पिन गेंदबाजों के खिलाफ जहां 74.64 के औसत से कुल 1866 रन बनाने में कामयाब हुए थे तो वहीं 25 बार उनका विकेट इस दौरान स्पिन गेंदबाजों ने हासिल किया था। वहीं साल 2021 से लेकर अब तक कोहली का घर पर खेले गए टेस्ट मैचों की 22 पारियों में स्पिनर्स के खिलाफ सिर्फ 573 रन ही बनाने में कामयाब हुए हैं तो वहीं 19 बार स्पिन गेंदबाजों के खिलाफ आउट हुए हैं, जिसमें उनका औसत 30.2 का ही रहा है।
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