Virat Kohli IND vs BAN: बांग्लादेश के खिलाफ दो मैचों की टेस्ट सीरीज में चेतेश्वर पुजारा और शुभमन गिल ने शतकीय पारियां खेली। रविचंद्रन अश्विन और कुलदीप यादव जैसे स्पेशलिस्ट स्पिनर्स ने अपनी बैटिंग से भी सबको अपना मुरीद बना लिया। इन सबके बीच समकालीन क्रिकेट के सबसे महान बल्लेबाज माने जाने वाले विराट कोहली एक एक रन को तरसते रहे। यहां तक कि आलोचकों की नजर में टीम पर बोझ समझे जाने वाले केएल राहुल ने भी बांग्लादेश के खिलाफ विराट कोहली से ज्यादा रन बनाए। इस सीरीज के संकेत साफ हैं, पूर्व भारतीय कप्तान का बुरा दौर खत्म नहीं हुआ है, बल्कि वह तमाम सरगर्मियों के बीचों-बीच अपने सबसे खराब वक्त से रुबरु हैं।
कोहली के करियर की दूसरी सबसे खराब टेस्ट सीरीज
विराट कोहली पिछले 11 साल से टेस्ट क्रिकेट खेल रहे हैं। एक दशक से लंबे अपने करियर में उन्होंने उन तमाम ऊंचाइयों को छुआ जिसने उन्हें वर्ल्ड क्रिकेट का सबसे बड़ा रोल मॉडल बना दिया। उनकी धाक और ठसक पर बड़े से बड़े क्रिकेटर को भी रस्क हो सकता है। लेकिन इन ऊंचाइयों के बीच वह ऐसी स्थिति में भी पहुंचे हैं जहां कोई दूसरा क्रिकेटर होता तो उसका करियर काफी पहले खत्म हो गया होता। नजीर के तौर पर बांग्लादेश के खिलाफ टेस्ट सीरीज को देखिए। कोहली ने इस सीरीज में 2 टेस्ट की 4 पारियों में 45 रन बनाए। यह उनकी दूसरी सबसे खराब टेस्ट सीरीज साबित हुई। इससे ज्यादा खराब प्रदर्शन उन्होंने 2020 में न्यूजीलैंड दौरे पर किया था, जहां 2 टेस्ट की सीरीज में सिर्फ 38 रन बनाए थे।
कोहली के टेस्ट करियर का चौथा सबसे खराब औसत
विराट कोहली ने बांग्लादेश के खिलाफ इस सीरीज में 15 के औसत से 45 रन बनाए। शुक्र है, वह एक पारी में नॉट आउट रहे वरना यह आंकड़ा और खराब होता। औसत के लिहाज से यह किसी टेस्ट सीरीज में उनका चौथा सबसे खराब प्रदर्शन है। कोहली ने 2016-17 में बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 3 टेस्ट की 5 पारियों में 9.20 के औसत से रन बनाए, जो उनके करियर की सबसे खराब औसत वाली टेस्ट सीरीज है। उन्होंने 2019-20 में न्यूजीलैंड के खिलाफ 2 टेस्ट की 4 पारियों में 9.50 के औसत से रन जोड़े। 2014-15 में पटौदी ट्रॉफी में इंग्लैंड के खिलाफ 5 मैच की 10 पारियों में 13.40 के औसत से वह रन बना सके और यह उनके करियर की तीसरी सबसे खराब औसत वाली टेस्ट सीरीज है। बांग्लादेश के खिलाफ इस सीरीज में विराट ने 15 के औसत से रन जोड़े और यह उनकी सबसे खराब टेस्ट सीरीज की लिस्ट में चौथे नंबर पर है।