इसी साल अक्टूबर-नवंबर में होने वाले वर्ल्ड कप की मेजबानी भारत कर रहा है। 11 साल से ज्यादा लंबे अंतराल के बाद वर्ल्ड कप की भारतीय सरजमीं पर वापसी हो रही है। 2011 में भारत में हुए वर्ल्ड कप को एम एस धोनी की कप्तानी में टीम इंडिया ने जीता था। क्या भारतीय टीम अपने घर में इस सफलता को दोहरा पाएगी? भारतीय टीम के पूर्व चीफ सेलेक्टर और वर्ल्ड चैंपियन टीम के सदस्य रहे कृष्णामचारी श्रीकांत का मानना है कि यह पूरी तरह से मुमकिन है। इसके लिए श्रीकांत सिर्फ एक शर्त सामने रखते हैं। यह शर्त विराट कोहली को लेकर है। उनका कहना है कि इसके लिए महान भारतीय बल्लेबाज विराट कोहली को अपने रोल में बदलाव लाना होगा।
नायक की जगह सहायक की भूमिका में होंगे विराट
पूर्व भारतीय सलामी बल्लेबाज ने कोहली की संभावित भूमिकाओं को सामने रखते हुए कहा कि 10 महीने में होने वाले वर्ल्ड कप में वह टीम के सबसे बड़े नायक की जगह सहायक के रूप में नजर आएंगे। श्रीकांत के मुताबिक वनडे क्रिकेट के अगले ग्लोबल इवेंट में करिश्माई बल्लेबाज विराट कोहली टीम में अन्य खिलाड़ियों को उनकी भूमिका अदा करने में मदद करेंगे।
श्रीकांत ने कोहली के संभावित रोल पर कहा, "हम उन्हें क्या भूमिका दे सकते हैं। पहले गौतम गंभीर एंकर की भूमिका निभा चुके हैं और वही बात इस बार विराट कोहली के लिए कही जा सकती है। वह इस बार वैसे ही रोल को निभाते नजर आएंगे। वह इशान किशन जैसे खिलाड़ियों की मदद करेंगे। जब किशन ने दोहरा शतक बनाया था तो विराट ने शतक बनाया था। किशन को देखिए कि वह किस तरह बॉल पर अटैक करते हैं। उन्होंने हाल में दोहरा शतक भी बनाया है। इन खिलाड़ियों को कहिए कि वे मैदान में जाएं और अपना खेल खेलें।"
सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी बनेंगे विराट
साथ ही उन्होंने कोहली को लेकर एक बड़ी भविष्याणी भी की जिसे सुनकर विराट को करोड़ों फैंस के चेहरों पर मुस्कान आ सकती है। श्रीकांत ने कहा कि पूर्व भारतीय कप्तान इस साल वर्लड कप में बैटिंग चार्ट में टॉप पर रहेंगे।
भारतीय टीम को किशन जैसे निडर खिलाड़ी को छूट देने की जरूरत
श्रीकांत ने स्टार स्पोर्ट्स पर 'क्रिकेट का महाकुम्भ' शो में कहा, "यह खिलाड़ियों को आजादी देने की बात है। आप क्या चाहते हैं आप अपना खेल खेलें चाहे आप आउट क्यों ना हो जाएं। टीम को ऐसा ही एटिट्यूड चाहिए।"
उन्होंने आगे कहा, "इशान किशन की तरह आपको दो या तीन ऐसे खिलाड़ी चाहिए जो फील्ड में खुद को सामने लाने से घबराते नहीं हों। ऑलराउंडर, बैटिंग ऑलराउंडर हों या बॉलिंग आलराउंडर, सबकी इस लाइनअप में जरूरत है टीम में ऐसे खिलाड़ियों का तालमेल होना चाहिए।"
भारत ने क्रिकेट इतिहास का पहला वर्ल्ड कप 1983 में कपिल देव की कप्तानी में जीता था। श्रीकांत पहली बार विश्व विजेता का खिताब अपने नाम करने वाली टीम के अहम सदस्य रहे हैं।