अंग्रेजी में एक कहावत है- 'When everything is coming your way, you're probably in the wrong lane.' यानी कि जब सब कुछ आपके हिसाब से हो रहा है, तो आप शायद गलत लाइन में हैं। लेकिन दुनिया में बहुत ही कम लोग ऐसे होते हैं जो ऐसी ही तमाम कहावतों को गलत साबित करने के लिए जन्म लेते हैं। उन्हीं चुनिंदा लोगों में से एक नाम है विराट कोहली का। इस लेख की पहली लाइन के बाद से ही कुछ लोगों के दिमाग में ये जरूर आया होगा कि विराट ने ऐसा भी क्या कर दिया जो उनकी तारीफ में इतने कसीदे पढ़े जा रहे। तो बता दूं कि विराट ने साल 2016 से 2019 के बीच 36 इंटरनेशनल सेंचुरीज ठोकीं। ऐसा लगता था मानो इस खिलाड़ी के हाथ में बल्ले की जगह झाड़ू भी थमा दी जाए तो वो शतक ही मारेगा। लेकिन जब सोशल मीडिया पर आए दिन आप खुद भी इस खिलाड़ी के लिए लोगों के मन में नफरत देखेंगे तो आप भी मेरी तरह सोचने पर मजबूर हो जाएंगे। इधर विराट एक मैच में फेल हुए नहीं कि उधर कुछ मौकापरस्त लोगों ने उन्हें फालतू की चीजों में लपेटना शुरू कर दिया। फिर चाहे उनमें से कुछ का मोटिव सिर्फ इतना सा हो कि विराट के नाम पर कुछ लाइक्स हमारी पोस्ट पर भी आ जाएंगे।
कल खुश तो बहुत होंगे ट्रोलर्स
बात बहुत पुरानी नहीं है। सोमवार की रात आरसीबी के सामने सीएसके की टीम थी। इस मैच में आरसीबी की टीम 226 रनों के बड़े टारगेट का पीछा कर रही थी। उम्मीदें एक बार फिर विराट से। गलती उनकी भी नहीं, 'चेज मास्टर' के नाम से ये खिलाड़ी पूरी दुनिया में सालों पहले अपनी पहचान बना चुका है। लेकिन विराट इस बार फेल हुए। बल्ले से निकले थे सिर्फ 6 रन। ओवर पहला ही था। बड़े स्टेज पर बहुत बड़ा नाम ना कमाने वाले आकाश सिंह विराट को पवेलियन भेज चुके थे। और यहीं से शुरू होती है विराट को ट्रोल करने की प्रक्रिया। मानों लोग तैयार ही थे। लेकिन क्या हर बार इसकी जरूरत है? ये वही एहसान फरामोश लोग हैं जो वर्ल्ड कप में विराट की तारीफ कर लाइक्स बटोरते हैं।
रोज पैदा नहीं होता विराट जैसे खिलाड़ी
विराट होना आसान नहीं। एक खेल में आप आए दिन रिकॉर्ड्स तोड़ते हैं। बल्ले से वो कमाल करते हैं जो नामुमकिन नजर आता हो। लेकिन बदले में अपने ही देश के लोगों से मिलता क्या? नफरत। लेकिन ये समझ नहीं आता कि नफरत किस बात की। इंटरनेशनल क्रिकेट में विराट के नाम 75 शतक। ज्यादातर में भारत जीता ही। मोजूदा समय में महान सचिन तेंदुलकर को छोड़ दूसरा कोई भी खिलाड़ी विराट से आगे नहीं। वहीं अगर शतकों के मामले में एक्टिव प्लेयर्स से तुलना की जाए तो विराट की वनडे सेंचुरीज भी दूसरों की टोटल सेंचुरीज से ज्यादा हैं। तो नफरत की एक वजह ये भी हो सकती है कि विराट का रिकॉर्ड उन तमाम खिलाड़ियों से अच्छा है जिन्हें ये लोग फेवरेट मानते हैं। लेकिन आंकड़े यही कहते हैं कि अच्छे खिलाड़ी कई हैं, लेकिन विराट की लीग इस दौर में तो अलग है।
'2019 के बाद विराट में वो दम नहीं रहा'
विराट को नापसंद करने वाले कुछ लोगों का ये मानना है कि विराट में 2019 के बाद से पहले जैसी बात नहीं रही। ऐसा इसलिए भी है कि विराट ने साल 2020, 2021 और 2022 के आखिर तक भी कोई शतक नहीं जड़ा। लेकिन क्या ये वजह काफी है एक बड़े खिलाड़ी से नफरत करने के लिए? उतार-चढ़ाव हर खिलाड़ी के जीवन में आते। फॉर्म आती-जाती रहती। इसी दौरान विराट के करियर में और भी कई दिक्कतें आईं। चाहे कप्तानी छिनना हो। बोर्ड से सीधी लड़ाई हो या फिर आईसीसी टूर्नामेंट्स में लगातार टीम की हार। लेकिन इन सभी चीजों से जूझने के बाद विराट ने खेल में कमाल की वापसी की। विराट 2022 एशिया कप, वर्ल्ड कप 2022, श्रीलंका के खिलाफ वनडे सीरीज और बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज बने। यानी कि ये खिलाड़ी अपने बेस्ट में एक बार फिर लौट चुका है।
टी20 वर्ल्ड कप इतिहास में दो प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट (2014 और 2016), आईपीएल के एक सीजन में 973 रन या क्रिकेट के तीनों फॉर्मट में 50 से ज्यादा की औसत। क्रिकेट में ऐसे कई रिकॉर्ड्स हैं जिनपर सिर्फ विराट का नाम ही छपा हुआ है। अक्सर विराट को लेकर लोग ये भी ताना मारते हैं कि रन बनाए तो क्या, ना तो आईसीसी ट्रॉफी जीत पाया, ना आईपीएल। तो उन लोगों से मेरी छोटी सी अपील यही है कि क्रिकेट एक टीम गेम है। 11 खिलाड़ी मिलकर कप जीतते हैं। गौतम गंभीर, सचिन तेंदुलकर, जहीर खान, वीरेंद्र सहवाग, हरभजन सिंह और युवराज सिंह.. ये तमाम ऐसे नाम हैं जिनके बिना शायद महेंद्र सिंह धोनी भी महानतम कप्तान नहीं बन पाते। विराट ने अपने करियर का ज्यादातक क्रिकेट खेल लिया है और कुछ ही सालों में ये खिलाड़ी शायद इस खेल को अलविदा भी कह दे, तब तक ट्रोल करने से ज्यादा उनका सपोर्ट करना ज्यादा जरूरी है। क्योंकि ऐसे खिलाड़ी रोज पैदा नहीं होते।