Vijay Hazare Trophy Final: सौराष्ट्र ने विजय हजारे ट्रॉफी के फाइनल मैच में शानदार प्रदर्शन किया। वह खेल के हर डिपार्टमेंट में विरोधी टीम महाराष्ट्र पर भारी पड़ी। हालांकि महाराष्ट्र के कप्तान रुतुराज गायकवाड़ ने इस मैच में भी रन बरसाए लेकिन उनपर सौराष्ट्र के सलामी बल्लेबाज का शतक काफी भारी पड़ा। यह इस टूर्नामेंट में सौराष्ट्र की दूसरी खिताबी जीत है। इससे पहले इस टीम ने 2007-08 में विजय हजारे ट्रॉफी को अपने नाम किया था।
रुतुराज पर भारी पड़ जैक्सन का शतक
महाराष्ट्र ने इस अहम मुकाबले में सौराष्ट्र के सामने जीत के लिए 249 रन का लक्ष्य रखा था। जिसका पीछा करते हुए उसके सलामी बल्लेबाज शेल्डन जैक्सन ने 133 रन की जोरदार पारी खेली और अंत तक आउट नहीं हुए उन्होंने 136 गेंद की अपनी इस पारी में 12 चौकों के साथ 5 शानदार छक्के भी लगाए। जैक्सन को इस शानदार प्रदर्शन के लिए प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया। जैक्सन ने पहले विकेट के लिए हार्विक देसाई के साथ 125 रन की साझेदारी कर जीत की मजबूत बुनियद तैयार कर दी। देसाई ने 50 रन की पारी खेली।
राग जानी ने हैट्रिक लेकर रखी जीत की नींव
इस खिताबी मुकाबले में सौराष्ट्र के कप्तान जयदेव उनादकट ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का फैसला किया जिसे उनके तेज गेंदबाज चिराग जानी ने सही साबित किया। जानी सौराष्ट्र के सबसे सफल गेंदबाज रहे। उन्होंने लगातार तीन गेंदों पर तीन विकेट अपने नाम किए। जानी ने महाराष्ट्र को लगातार तीन गेंदों पर छठा, सातवां और आठवां झटका दिया। इस तेज गेंदबाज ने हैट्रिक विकेट लेकर तय कर दिया कि महाराष्ट्र की टीम इस अहम मुकाबले में 250 के भीतर ही सिमट जाएगी। जानी ने इस मैच में 10 ओवर में 4.3 की इकॉनमी से 43 रन देकर 3 विकेट अपने नाम किए।
रुतुराज का शतक नहीं दिला सका जीत
सौराष्ट्र के खिलाफ अहमदाबाद में हुए खिताबी मुकाबले में महाराष्ट्र को 250 के करीब तक ले जाने के पीछे रुतुराज गायकवाड़ की शतकीय पारी सबसे बड़ी वजह थी। उन्होंने एक छोर से लगातार गिरते विकेटों के बीच दबाव में बल्लेबाजी की। रुतुराज ने 131 गेंदों में 108 रन बनाए जिसमें 7 चौकों के साथ 4 छक्के भी शामिल रहे। गायकवाड़ ने इस टूर्नामेंट में कुल 4 शतक लगाए। उन्होंने लीग स्टेज में रेलवे के खिलाफ 124 रन की पारी खेली। उत्तर प्रदेश के खिलाफ हुए क्वार्टरफाइनल मैच में रुतुराज ने 220 रन बनाए और अंत तक आउट नहीं हुए। महाराष्ट्र ने सेमीफाइनल में असम का सामना किया। इस मैच में कप्तान गायकवाड़ ने 168 रन की धमाकेदार पारी खेलकर अपनी टीम को फाइनल में पहुंचा दिया। हालांकि शतक तो उन्होंने फाइनल में भी लगाया पर यह जीत की वजह नहीं बन सका। रुतुराज गायकवाड़ को उनके शानदार प्रदर्शन के लिए प्लेयर ऑफ द सीरीज चुना गया।