भारतीय टीम का प्रदर्शन रेड बॉल क्रिकेट में पिछले कुछ सालों में काफी सुधर गया है। टीम अपनी सरजमीं पर तो अक्सर काफी मजबूत थी लेकिन पिछले 10 सालों में टीम इंडिया घरेलू सरजमीं पर लगभग अजेय हो चुकी है। इसका जीता जागता उदाहरण है नंबर 1 टीम ऑस्ट्रेलिया का नागपुर टेस्ट में बुरा हसर करना (पारी और 132 रनों की जीत) और तकरीबन ढाई दिन में मैच खत्म करना। भारत को भारत में हराना अब किसी भी टीम के लिए टेस्ट क्रिकेट में टेढ़ी खीर हो गया है। इतना ही नहीं विदेशी धरती पर भी पिछले कुछ सालों में भारत का प्रदर्शन काफी सुधरा है।
पिछले 5 साल में दो बार ऑस्ट्रेलिया को ऑस्ट्रेलिया में जाकर बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी हराना, इंग्लैंड में इंग्लैंड को पराजित करना, यह ऐसी कई मौके हैं जहां टीम ने विश्व स्तर पर खुद को मजबूत साबित किया है। यही कारण है कि आंकड़ों के अनुसार टीम इंडिया पिछले एक दशक यानी पिछले 10 सालों में (1 जनवरी 2013 से) अपनी सरजमीं की सबसे सफल टीम तो है ही। साथ ही विदेशी सरजमीं पर भी टीम इंडिया सबसे सफल टीम रही है। भारत का इस दौरान घरेलू सरजमीं पर विनिंग पर्सेंट 81.39 का रहा है। वहीं विदेश में टीम इंडिया ने 38.18 प्रतिशत मुकाबले जीते हैं। किसी भी टीम का यह विदेश में और घर पर सबसे अच्छा रिकॉर्ड है।
भारतीय टीम के टेस्ट क्रिकेट में शानदार आंकड़ो
1 जनवरी 2013 से घर पर भारत का प्रदर्शन
- मैच: 43
- जीत: 35
- हार: 2
- ड्रॉ: 6
1 जनवरी 2013 से विदेश में भारत का प्रदर्शन
- मैच: 55
- जीत: 21
- हार: 23
- ड्रॉ: 11
यह आंकड़े बताते हैं कि टीम इंडिया का प्रदर्शन कैसा रहा है। भारतीय टीम ने पिछले कुछ सालों में लगभर हर टीम को अपने घर पर हराया है। सिर्फ दो टेस्ट मैच टीम इंडिया घर पर पिछले 10 साल में हारी है। इससे साफ साबित होता है कि टीम का वर्चस्व कैसा है। यही कारण है कि वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के पहले संस्करण में टीम रनर अप रही थी। फाइनल में न्यूजीलैंड ने भारतीय टीम को हराया था। अब दूसरे संस्करण में भी टीम ऑस्ट्रेलिया के बाद फाइनल में जगह बनाने की प्रबल दावेदार है। अगर भारतीय टीम यह सीरीज 2-0, 3-1, 4-0 से जीतती है तो फाइनल में सीधे पहुंच जाएगी। वहीं टेस्ट रैंकिंग में भी टीम इंडिया ऑस्ट्रेलिया को पछाड़कर नंबर 1 बन सकती है।