टीम इंडिया इस वक्त एक खराब दौर से गुजर रही है। वैसे कहा तो इसे बहुत बुरा वक्त जा रहा है। टीम इंडिया जब बांग्लादेश से भी हार जाए और सीरीज हार का संकट खड़ा हो जाए तो फिर और कुछ कहने के लिए बाकी ही क्या रह जाता है। टीम इंडिया लगातार दो साल के टी20 विश्व कप में जाती है, फैंस उम्मीदें लगाते कि इस बार तो आईसीसी की ट्रॉफी आ ही जाएगी, लेकिन होता कुछ और है। कभी विराट कोहली की कप्तानी से उम्मीदें जागती हैं तो कभी रोहित शर्मा से आसरा लगाया जाता है। कप्तान बदलने का भी फायदा इतना ही मिला कि विश्व कप 2021 में हम सेमीफाइनल में नहीं पहुंचे, लेकिन 2022 में सेमीफाइनल तक की यात्रा करने में कामयाब रहे। लेकिन खिताब अभी भी कोसों दूर है। अभी तक कम से कम ये था कि टीम इंडिया आपसी सीरीज जीत जाती थी, लेकिन अब तो उसके भी लाले पड़ रहे हैं। लेकिन टीम इंडिया की असल समस्या है क्या। अगर इस पर गहनता से विचार किया जाए और आंकड़े खंगाले जाएं तो पता चला है कि टीम इंडिया की जो सबसे बड़ी ताकत है, वहीं भारतीय टीम की कमजोरी बन गई है।
शिखर धवन, रोहित शर्मा और विराट कोहली के आंकड़े देखिए जरा
साल 2017 से लेकर 2019 तक की बात की जाए तो टॉप थ्री यानी रोहित शर्मा, विराट कोहली और शिखर धवन ये तीनों कमाल की बल्लेबाजी कर रहे थे। इन इन तीन साल के भीतर शिखर धवन ने आठ शतक लगाए। विराट कोहली ने 17 शतक लगाए और रोहित शर्मा ने 18 शतक लगाए थे। ध्यान रहे हम यहां केवल वन डे इंटरनेशनल मैचों की बात कर रहे हैं। यानी इन तीनों के बल्ले से 43 अंतरराष्ट्रीय शतक आए। लेकिन साल 2020 से लेकर 2022 तक की बात करें तो शिखर धवन और विराट कोहली के बल्ले से वन डे में एक भी शतक नहीं आया है। रोहित शर्मा ने केवल एक शतक लगाया है।
वन डे विश्व कप 2023 के लिए भारतीय टीम को होना है तैयार
असल दिक्कत ये भी है कि बांग्लादेश के बीच अगला जो मैच होगा, वो भारत का इस साल का आखिरी वन डे होगा। इसके बाद दो टेस्ट होंगे और साल खत्म हो जाएगा। इसके बाद आएगा साल 2023। जब भारत में ही वन डे विश्व कप खेला जाएगा। अपनी ही जमीन पर भारतीय टीम वैसे तो विश्व कप जीतने की प्रबल दावेदार होनी चाहिए, क्योंकि साल 2011 में भारत ने घरेलू मैदान पर विश्व कप की ट्रॉफी पर कब्जा किया था, लेकिन भारतीय टीम जिस तरह का प्रदर्शन कर रही है, उससे इसे शायद ही दावेदार माना जाए। हालांकि खबरें ये भी आ रही हैं कि टीम इंडिया में आने वाले महीने में बहुत सारे बदलाव होंगे। यानी कुछ खिलाड़ी बाहर हो जाएंगे और कुछ नए खिलाड़ी आएंगे। लेकिन विश्व कप में अब ज्यादा समय नहीं बचा है। हर साल विश्व कप खत्म होने के बाद हम अगले विश्व कप की तैयारी करते हैं और फिर जब विश्व कप आता है तो हम हार जाते हैं। देखना होगा कि बीसीसीआई इन सारे पहलुओं पर विचार करेगी कि नहीं और क्या कुछ सख्त कदम उठाती है।